Home समाचार फेमस रेड लाइट एरिया छोड़ अब इन इलाकों में जा रहीं सेक्स...

फेमस रेड लाइट एरिया छोड़ अब इन इलाकों में जा रहीं सेक्स वर्कर..




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

मुंबई के चर्चित रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा को छोड़कर काफी सेक्स वर्कर्स दूसरे इलाकों में शिफ्ट हो रही हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कम आय और रियल एस्टेट के बढ़ते दाम की वजह से सेक्स वर्क करने वाली महिलाएं कमाठीपुरा छोड़ने को मजबूर हो रही हैं. एक सेक्स वर्कर ने बताया कि उनके साथ काम करने वाली काफी महिलाएं मुंबई के उपनगरीय इलाकों में शिफ्ट कर गई हैं

एएनआई के मुताबिक, आरती नाम की सेक्स वर्कर ने कहा कि कमाठीपुरा में जिंदगी चलाने में मुश्किल होने लगी थी. वे अब ठाणे के कदावली में रहती हैं और उन्हें लंबी दूरी तय करके कमाठीपुरा आना पड़ता है. उन्होंने कहा कि रेंट तो बढ़ रहा है, लेकिन उनकी आय नहीं.

आरती ने कहा कि उन्हें परिवार की भी देखभाल करनी होती है और इसलिए कमाई कम पड़ जाती है. वहीं, एक अन्य सेक्स वर्कर ने बताया कि उनके साथ काम करने वालीं काफी महिलाएं अब कदावली, कल्याण और इनके आसपास के इलाकों में रहने लगी हैं

सोशल एक्टिविटीज इंटिग्रेशन नाम के एनजीओ के डायरेक्टर विनय वत्स का कहना है कि कमाठीपुरा में कम आय वर्ग वाली सेक्स वर्कर रहती हैं. कई महिलाएं यहां महंगा किराया नहीं दे पा रही हैं और वे नालसपोरा, तुर्भे और वशी जैसी जगहों पर चली गई हैं.

विनय ने कहा कि वे 1990 के दशक से सेक्स वर्कर्स के साथ काम कर रहे हैं. लेकिन बीते 20 सालों में रेंट काफी अधिक बढ़ गया है. अब 15 हजार रुपये महीने तक यहां रेंट देना होता है.

चूंकि कमाठीपुरा सेंट्रल मुंबई में आता है और आसपास में व्यापारिक जगहों के बढ़ने की वजह से यहां किराया काफी बढ़ गया है. रियल एस्टेट डेवलपर की नजर भी इन जगहों पर है.

सेक्स वर्कर्स के मुद्दे पर काम करने वाले एक्टर जे ब्रान्डन हिल ने कहा कि ये काफी बुरा है कि यहां रहने वाली महिलाओं को किराए की वजह से दूसरी जगहों पर शिफ्ट होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि आने वाले वक्त में स्थिति सामान्य होगी.

कमाठीपुरा को देश का दूसरे सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया माना जाता रहा है. करीब 25 साल पहले यहां 50,000 तक सेक्स वर्कर्स रहा करती थीं. लेकिन बाद के सालों में इनकी संख्या में कमी आई.