मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल यहां स्थित एक आई हॉस्पिटल (Hospital) में मोतियाबिंद के ऑपरेशन (cataract surgery) के बाद 11 मरीज़ों की आंखों की रोशनी (lost eye light) चली गई। सीएमओ प्रवीण जड़िया ने बताया कि सीएम कमलनाथ के आदेशानुसार मरीज़ों का अन्य अस्पताल में इलाज चालू है और मामले की जांच की जाएगी। वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया है। मामले का खुलासा होने के बाद अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर सील कर दिया गया है और मामले की जांच के लिये समिति गठित की गयी है।
मिली जानकारी के मुताबिक आठ अगस्त को राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत इंदौर आई हॉस्पिटल में 13 मरीजों के मोतियाबिंद ऑपरेशन किये गये थे। इनमें से तीन मरीजों को ठीक होने के पश्चात निजी अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी। लेकिन शेष 10 मरीजों ने आंखों की रोशनी बाधित होने की शिकायत की है। सीएमओ द्वारा बताया गया कि पहली नजर में लगता है कि मोतियाबिंदऑपरेशनों के दौरान कथित संक्रमण से मरीजों की आंखों की हालत बिगड़ी। संक्रमण के कारणों की जांच की जा रही है। अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने पर विचार किया जा रहा है। इंदौर, प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट का गृह नगर है। सिलावट ने मोतियाबिंद ऑपरेशनों के बिगड़ने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि मामले की जांच के लिये इंदौर सम्भाग के आयुक्त (राजस्व) की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति बनाने के आदेश दिये गये हैं।