कहते हैं कि अगर व्यक्ति के हौसले बुलंद हों तो जिंदगी में कुछ भी हासिल किया जा सकता है और फिर चाहें कितनी भी विपरीत परिस्थितियां आपके रास्ता रोक रही हों आप अपनी मंजिल पा ही लेते हैं और समाज में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में अपनी अलग पहचान बना लेते हैं.
ऐसा ही कुछ कर्नाटक के बीआर शेट्टी ने कर दिखाया है. जी हां, बता दें कि भारत से दुबई सिर्फ नौकरी करने गए बीआर शेट्टी की गिनती आज दुबई के टॉप अमीरों में होती है. दरअसल UAE के एनआरआई यानी कि Non Resident Indian अरबपति बीआर शेट्टी भारत के हेल्थकेयर सेक्टर में अरबों डॉलर रुपए इन्वेस्ट करना चाहते हैं.
मालूम हो कि वो 5 बिलियन डॉलर यानी कि करीब 35,500 करोड़ रुपये इन्वेस्ट कर हाई-क्वालिटी की हेल्थकेयर फैसिलिटी डेवलप करना चाहते हैं. बता दें कि बीआर शेट्टी शुरुआती जनसंघ और फिर इससे निकली भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा रह चुके हैं.
भारत में करेंगे बड़ा निवेश
मालूम हो कि बीआर शेट्टी ने पिछले साल Finablr नामक नई कंपनी बनाई है. ऐसा नहीं है कि ये शेट्टी की पहली कंपनी है. वह कई अन्य बड़ी फार्मा और फाइनेंशियल सर्विस कंपनियों के भी फाउंडर हैं.
दरअसल बिजनेस टुडे से बातचीत में शेट्टी ने कहा कि उन्होंने भारत में 5 बिलियन डॉलर के फंड का प्रस्ताव रखा है और उन्हें राज्य सरकारों, नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशंस और धार्मिक संगठनों से अच्छे ऑफर्स मिल रहे हैं. बता दें कि वो इससे भारत में हाई-क्वालिटी और अफोर्डेबल हेल्थकेयर फैसिलिटी डेवलप करना चाहते हैं.
दरअसल अब उनका वेंचर कैपिटल फंड BRS Ventures भारत में हेल्थकेयर सेक्टर को डेवलप करने की दिशा में योजना बना रहा है. बता दें कि उनका यह कहना है कि इस इन्वेस्टमेंट से भारत में हेल्थकेयर फैसिलिटी का चेन बनेगा और अगले पांच साल में डिस्ट्रिक्ट और जनरल हॉस्पिटल बनाए जाएंगे.
मालूम हो कि उन्होंने इस संबंध में बताया कि इसके लिए दिल्ली, वाराणसी, हरिद्वार और बिहार में हॉस्पिटल बनाने के लिए बातचीत चल रही है. इसके लिए जमीन या तो खरीदी जाएगी या फिर सरकार या दूसरे पार्टनर्स की ओर से दी जाएगी.
यही नहीं, उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने 70 बेड वाले इस अस्पताल को 200 बेड वाले फुली एयर-कंडीशंड मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल में बदल दिया है. इसके अलावा यहां ट्रीटमेंट पूरी तरह फ्री है.
जानिए कौन है BR Shetty
जानकारी के लिए बता दें कि बीआर शेट्टी कर्नाटक के उडुपी में साल 1942 में पैदा हुए और वहीं उनकी शुरुआती पढ़ाई हुई. इसके बाद अपनी जेब में कुछ पैसे लेकर वो साल 1973 में अपनी किस्मत आजमाने दुबई पहुंचे. आपको बता दें कि शेट्टी दुबई नौकरी के जुगाड़ में गए थे लेकिन उन्हें वहां काफी दिनों तक बेरोजगार रहना पड़ा.
कभी घर-घर जाकर बेचते थे दवाएं
मालूम हो कि नौकरी न मिलने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. जी हां, दरअसल काफी मेहनत के बाद उन्हें सेल्समैन की नौकरी मिली. बता दें कि एक इंटरव्यू में शेट्टी ने इस बात को स्वयं स्वीकार किया था कि शुरुआती दिनों में उन्होंने सेल्समैन की नौकरी की थी. इस दौरान घर-घर जाकर दवा भी बेची. दरअसल शेट्टी ने बताया था कि दवा बेचने के दौरान उन्हें संयुक्त अरब अमीरात में कई बड़े डॉक्टर्स के साथ दोस्ती हो गई.
आपको बता दें कि शेट्टी पहले UAE में सबसे बड़ी प्राइवेट हेल्थकेयर कंपनी NMC Healthcare की स्थापना कर चुके हैं. जी हां, दरअसल पिछले 46 सालों में इस कंपनी ने 200 हेल्थकेयर फैसिलिटीज तक अपना फैलाव किया है, जिसमें 17 देशों में हॉस्पिटल, मेडिकल सेंटर्स, लॉन्ग टर्म केयर फैसिलिटीज, डे सर्जरी सेंटर्स, फर्टिलिटी क्लिनिक्स और होम हेल्थ सर्विस शामिल हैं.
1980 में बनाई UAE एक्सचेंज
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शेट्टी को महसूस हुआ कि भारतीयों को अपने परिवार वालों को पैसे भेजने में दिक्कत होती है. इसी कारणवश उन्होंने 1980 में यूएई एक्सचेंज की स्थापना की. आपको बता दें कि अब यह यूएई की एक बड़ी कंपनी बन गई है. इसके अलावा उन्होंने 2014 में विदेशी मुद्रा कंपनी “ट्रैवेक्स” को खरीद लिया जिसकी 27 देशों में ब्रांचेज हैं.
दरअसल यूएई में हिंदू धर्म के लिए कर रहे काम शेट्टी यूएई में हिंदू धर्म के लिए भी लगातार काम कर रहे हैं. बता दें कि शेट्टी उस समिति के अध्यक्ष भी हैं जो अबू धाबी में पहले हिन्दू मंदिर का निर्माण करने जा रही है. आपको याद हो तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में अमीरात का दौरा किया था.
मालूम हो कि उस समय मंदिर के लिए अबू धाबी सरकार ने जमीन देने का ऐलान किया था. दरअसल मंदिर निर्माण कार्य की जिम्मेदारी शेट्टी के कन्धों पर ही है. यही नहीं, बीते साल हजारों प्रवासी भारतीयों ने अमीरात में मोदी का स्वागत किया था. मालूम हो कि स्वागत के इस कार्यक्रम को अंजाम देने वाले कोई और नहीं डॉक्टर शेट्टी ही थे.