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सेक्स रैकेट का भंडाफोड, बिना आईडी ऑनलाइन होती थी बुकिंग, छह कमरों में ठहरे थे बैडमिंटन खिलाड़ी




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मेरठ के होटल ऑसम में एएचटीयू और लालकुर्ती पुलिस की छापामारी के बाद कई खुलासे हुए। पुलिस के अनुसार इस होटल में कमरों की बुकिंग ऑनलाइन ही होती थी। लेकिन यहां बुकिंग के पैसे देने के बाद भी होटल द्वारा एक से दो हजार रुपये प्रति घंटे की वसूली की जाती थी। लालकुर्ती पुलिस डीवीआर के सहारे इस पूरे धंधे की जड़ तक पहुंचने की बात कह रही है-

पुलिस के अनुसार होटल ऑसम में करीब 32 कमरे बताए गए। इनमें 28 कमरे ऑनलाइन बुक मिले। लेकिन होटल के रजिस्टर की जांच की गई तो किसी की भी आईडी नहीं मिली। बताया गया कि होटल का एक कमरा 1200 रुपये का है तो वह ऑनलाइन 800 रुपये में बुक होता था।

लेकिन यदि कमरे को गलत प्रयोजन के लिए बुक किया गया है तो होटल द्वारा प्रेमी युगल से एक हजार से दो हजार रुपये प्रति घंटा अलग से वसूला जाता था। जिन युगलों के नाम से कमरे बुक किए जाते थे, उनकी आईडी का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता था, जो सुरक्षा के लिहाज से काफी खतरनाक है।

छापामारी के दौरान एएचटीयू और पुलिस ने रजिस्टर की जांच की तो उसमें काफी लोगों के नाम तो दर्ज मिले। लेकिन इनमें से किसी भी व्यक्ति की कोई आईडी पुलिस को नहीं मिली। जबकि होटल आने वाले हर व्यक्ति का आईडी प्रूफ जमा करना जरूरी है।

ऑनलाइन बुकिंग में भी होटल पहुंचने पर आईडी जमा की जानी थी। लेकिन जितने भी लोग पकड़े गए उनमें इक्का-दुक्का को छोड़कर किसी अन्य की आईडी होटल के काउंटर पर नहीं थी। चौंकाने वाली बात यह भी थी कि जितने युगल छापामारी में पकड़े गए, उनमें आधे से ज्यादा सहारनपुर और हापुड़ सहित दूसरे जनपदों से थे।

कई खिलाड़ी भी थे मौजूद 
होटल ऑसम में करीब छह कमरों में खिलाड़ी व रेफरी रुके हुए थे। छापामारी के दौरान पुलिस जैसे ही उन्हें पकड़ने लगी तो उन्होंने बताया कि वह खिलाड़ी हैं और कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में चल रही बैडमिंटन चैंपियनशिप में प्रतिभाग करने पहुंचे हैं।

सीओ संजीव देशवाल के निर्देश पर सभी खिलाड़ियों के परिचय पत्रों की जांचकी गई। रेफरियों ने भी अपनी आईडी दिखाई। इसके बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। होटल की कार्रवाई से वह इतने डरे थे कि उन्होंने तुरंत खाली कर दिया और पास के होटल में चले गए।

सिपाही और शिक्षक भी मिले 
ऑसम होटल में पीएसी का एक सिपाही, एक शिक्षक और मेरठ में जॉब करने वाले कई युवक भी कमरों में मिले हैं। हालांकि पुलिस सभी से पूछताछ करने के बाद ही उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कहती रही।

याद आई गंगानगर की कार्रवाई 
साल 2018 में गंगानगर में भी सेक्स रैकेट पकड़ा गया था। पूरे प्रकरण में लखनऊ तक शिकायत की गई। जिसमें पता चला कि कुछ लोगों ने साजिशन एक भाजपा नेता के भतीजे को फंसाने के लिए छापा लगवाया था। जिसमें एसपी क्राइम मेरठ शिवराम यादव का ट्रांसफर हो गया था। रविवार देर रात तक एसएसपी अजय साहनी, एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह और सीओ कैंट संजीव देशवाल इस छापामारी की समीक्षा करते रहे।