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एनएसएस स्तर की बैठक आज, भारत को 36 और राफेल बेचना चाहता है फ्रांस




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फ्रांस भारत को अन्य रक्षा उपकरणों के साथ 36 और राफेल बेचना चाहता है। इसमें नौसेना के लिए हेलिकॉप्टर और कोस्ट गार्ड के लिए सबमरीन भी शामिल हैं। गुरुवार को राजधानी दिल्ली में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) इमैनुएल बोन भारत के एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में राफेल सहित अन्य रक्षा उपकरणों पर बातचीत हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि एनएसए स्तर की यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब एक हफ्ते पहले ही जी7 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की मुलाकात हुई थी। दोनों ने पहले पेरिस में और फिर बियारित्ज शहर में द्वीपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की थी। सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सितंबर के मध्य में फ्रांस की यात्रा कर सकते हैं। सितंबर के तीसरे हफ्ते में पहला राफेल विमान भारत आ जाएगा।

भारतीय वायुसेना के पायलटों को कुछ महीने फ्रांस में राफेल उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। राफेल के पहले बैच में 36 लड़ाकू विमान हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस चाहता है कि भारत उससे 36 राफेल विमानों का दूसरा बैच भी खरीदे। दूसरे बैच के लिए नियम और शर्तों की पुष्टि होना अभी बाकी है। लेकिन माना जा रहा है कि मेक इन इंडिया के तहत इसके पार्ट्स भारत में बनेंगे। पहले बैच के 36 विमानों को फ्रांस फ्लाईवे कंडीशन (उड़ान लायक) में भारत भेजेगा।

रक्षा उपकरणों के अगले सेट में फ्रांस कोस्ट गार्ड को हेलिकॉप्टर और नौसेना को सबमरीन और लड़ाकू विमान के लिए नए इंजन बेचना चाहता है। भारत-फ्रांस ने अपने संयुक्त बयान में कहा था कि इस साल से राफेल विमान की डिलीवरी शुरू हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार मोदी और मैक्रों ने समझौतों की प्रगति को लेकर संतुष्टि व्यक्त की है। दोनों देशों ने रक्षा उद्योग के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है और मेक इन इंडिया के तहत दोनों देशों की रक्षा कंपनियों के बीच भागीदारी को अपना समर्थन दिया है।