स्विट्जरलैंड की पहाड़ियों पर माइनिंग के काम में तैनात कोमात्सु एचबी 605-7 डंपर सबसे बड़ा ई व्हीकल है। यह 65 टन का भार लेकर चल सकता है। कोमात्सु के 6 सिलेंडर इंजन को रिप्लेसकर इसे ई व्हीकल में बदला गया है। यह आकार में 30 फीट लंबा, 14 फीट चौड़ा और 14 फीट लंबा है।
इस डंपर का इस्तेमाल यह स्विस पहाड़ियों से चूना पत्थर लाने में किया जाता है। जब यह खाली होता है, तो पहाड़ी पर ऊपर जाता है और वहां से 65 टन अयस्क लेकर लौटता है। इसमें 600 किलोवॉट पर आर का स्टोरेज एंड रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम लगा हुआ है, जिससे पहाड़ से उतरते समय यह जो भी ऊर्जा उत्पन्न करता है वह स्टोर हो जाती है। इस ऊर्जा से यह पहाड़ी पर चढ़ने के लिए आवश्यक चार्जिंग हासिल कर लेता है। इस तरह उसे ऊर्जा मिलती रहती है।
20 चक्कर में 200 यूनिट बिजली बनती है
कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि यह ई-डंपर अगर रोजाना 20 चक्कर भी लगाता है, तो इससे 200 किलोवाट घंटा यानी 200 यूनिट बिजली पैदा होती है। यह ई-डंपर अप्रैल से काम कर रहा है। इस आधार पर अगर गणना की जाए तो यह अब तक 76000 लीटर डीजल की बचत कर चुका है। साथ ही कम से कम 200 टन कार्बन डाई ऑक्साइड को भी वातावरण में घुलने से रोक चुका है।
यह जादू की तरह: लुकास डी ग्रासी
फॉर्मूला ई-ड्राइवर लुकास डी ग्रासी ने कहा कि यह पूरी तरह से जादू है कि एक ट्रक खुद बिजली पैदा करके अपने लिए ऊर्जा जुटाता है। वह कहते हैं कि वास्तविक जीवन में यही इलेक्ट्रिक वाहनों का वास्तविक इस्तेमाल है। ये न केवल सस्ते हों, बल्कि अधिक उपयोगी और इको फ्रेंडली हों।