स्विटजरलैंड ने भारत सरकार को स्विस बैंक में खाता रखने वाले भारतीयों की जानकारी देना शुरु कर दी है. भारत सरकार को इसी महीने स्विस बैंक में खाता रखने वालों से जुड़ी कुछ जानकारियां प्राप्त हुई हैं. अब सरकार इन सभी जानकारियों का अध्ययन कर रही है. जिससे स्विस बैंक में कालाधन रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. हालांकि इससे पहले ही स्विस बैंक द्वारा दी गई खातों वाली सूची में शामिल कई खाता धारकों ने कार्रवाई के डर से अपने खाते बंद कर दिए गए हैं
बता दें कि स्विट्जरलैंड की सरकार ने सूचना साझा करने की स्वचालित व्यवस्था के तहत भारत सरकार को ये जानकारियां उपलब्ध कराई हैं. हालांकि गोपनीयता की शर्त पर बैंक अधिकारियों और नियामक संस्थाओं से जुड़े अफसरों ने कहा है कि स्विट्जरलैंड से मिली जानकारियां मुख्य रूप से बिजनेसमैन और एनआरआई से जुड़ी हैं. ये एनआरआई भारतीय दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों, अमेरिका, ब्रिटेन के अलावा कुछ अफ्रीकी देशों और दक्षिण अमेरिकी देशों में कारोबार कर रहे हैं.
बता दें कि बैंक अधिकारियों का कहना है कि जब से बेहद गोपनीय माने जाने वाले स्विस बैंक खातों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर कार्रवाई शुरू हुई तो पिछले कुछ सालों में इन खातों से बड़े पैमाने पर पैसे निकाले जाने शुरु हो गए. यही नहीं कई खाते तो बंद कर दिए गए. हालांकि स्विट्जरलैंड द्वारा भारत को सौंपी गई जानकारी में इतनी तो सूचना है कि स्विस बैंक में पैसा रखने वालों के खिलाफ मजबूत केस तैयार किया जा सकता है.
बता दें कि स्विस सरकार ने हर उस खाते में लेन-देन का पूरा विवरण दिया गया है, जो 2018 में एक दिन के लिए भी सक्रिय रहा. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यह डेटा इन खातों में अघोषित संपत्ति रखने वालों के खिलाफ ठोस मुकदमा तैयार करने में बेहद सहायक साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें जमा, ट्रांसफर और प्रतिभूतियों एवं अन्य संपत्तियों में निवेश से हुई कमाई का पूरा ब्योरा दिया गया है.
बता दें कि स्विस सरकार के पास उन 100 खातों की जानकारी भी है, जिनके बारे में आशंका है कि इन्हें 2018 से पहले बंद करा दिया गया है. स्विट्जरलैंड की सरकार एक पूर्व समझौते के तहत इन खातों की जानकारी भारत को देने वाली है. भारतीय अधिकारियों ने इन खाताधारकों के खिलाफ टैक्स चोरी के सबूत स्विस अधिकारियों को सौंपे थे. जिन लोगों का खाता इसमें शामिल है वे ऑटो पार्ट्स, केमिकल, टेक्सटाइल, रियल स्टेट, हीरा और जवाहरात, और स्टील के बिजनेस से जुड़े हैं.