ज्यादा से ज्यादा थप्पड़ बर्दाश्त करो और बन जाओ विजेता। रूस के क्रास्नोयासर्क में कुछ दिनों पहले बड़ी ही अजीबोगरीब पुरुष थप्पड़ चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया। संभवत: यह विश्व की पहली ऐसी प्रतियोगिता थी जिसमें एक इंसान दूसरे इंसान को जोरदार थप्पड़ मार रहा था। दरअसल यह चैम्पियनशिप यहां आयोजित साइबेरियन पावर शो का एक हिस्सा था।
इस अजीबोगरीब खेल के नियमों के अनुसार दो खिलाडिय़ों को एक टेबल के विपरीत छोर पर खड़ा किया जाता है। जिसके बाद दोनों खिलाड़ी बारी-बारी से एक दूसरे को लगातार थप्पड़ मारते हैं। उन्हें ये खेल जीतने के लिए विरोधी को तब तक थप्पड़ मारना होता है, जब तक कि दूसरा खिलाड़ी हार ना मान जाए। इस प्रतियोगिता का दिलचस्प नियम ये है कि इस खेल में खिलाडिय़ों को थप्पड़ का बचाव करने की अनुमति नहीं है। प्रतिभागियों को एक दूसरे का सामना करके ही जीत हासिल मिल सकती है। इस चैलेंज का विजेता वो खिलाड़ी बनता है जो लंबे समय तक थप्पड़ों का सामना कर पाता है।
ज्यादा से ज्यादा थप्पड़ बर्दाश्त करो और बन जाओ विजेता। रूस के क्रास्नोयासर्क में कुछ दिनों पहले बड़ी ही अजीबोगरीब पुरुष थप्पड़ चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया। संभवत: यह विश्व की पहली ऐसी प्रतियोगिता थी जिसमें एक इंसान दूसरे इंसान को जोरदार थप्पड़ मार रहा था। दरअसल यह चैम्पियनशिप यहां आयोजित साइबेरियन पावर शो का एक हिस्सा था।
इस अजीबोगरीब खेल के नियमों के अनुसार दो खिलाडिय़ों को एक टेबल के विपरीत छोर पर खड़ा किया जाता है। जिसके बाद दोनों खिलाड़ी बारी-बारी से एक दूसरे को लगातार थप्पड़ मारते हैं। उन्हें ये खेल जीतने के लिए विरोधी को तब तक थप्पड़ मारना होता है, जब तक कि दूसरा खिलाड़ी हार ना मान जाए। इस प्रतियोगिता का दिलचस्प नियम ये है कि इस खेल में खिलाडिय़ों को थप्पड़ का बचाव करने की अनुमति नहीं है। प्रतिभागियों को एक दूसरे का सामना करके ही जीत हासिल मिल सकती है। इस चैलेंज का विजेता वो खिलाड़ी बनता है जो लंबे समय तक थप्पड़ों का सामना कर पाता है।