मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के कई जिलों में टिड्डी प्रकोप पर नियंत्रण के लिए केन्द्र सरकार से अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की है। टिड्डी नियंत्रण विषय मुख्यतः भारत सरकार के अधीन होने के फलस्वरूप गहलोत ने केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर कहा है कि पिछले चार माह से पश्चिमी राजस्थान के 8 जिलों में टिड्डी दलों का प्रकोप है। इस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रदेश में जल्द से जल्द नये दवा छिड़काव यंत्रों, मानव संसाधन और दवा के हवाई छिड़काव के लिए सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि पिछले चार महीने से जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, जालौर, चूरू, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में टिड्डियों का प्रकोप है। इस पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन के सहयोग से लगातार कार्यवाही की जा रही है। लेकिन कुछ दिनों से पाकिस्तान की ओर से टिड्डी के नए स्वार्म और हाॅपर्स के सीमा पार कर आ जाने से जैसलमेर, बीकानेर और जोधपुर जिलों में टिड्डी का प्रकोप अधिक बढ़ गया है। इससे फसलों को नुकसान होने की आशंका है।
गहलोत ने बताया है कि वर्तमान स्थिति के मद्देनजर भारत सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन के पास उपलब्ध 45 दवा छिड़काव मशीनें टिड्डी दलों पर प्रभावी नियंत्रण में नाकाफी साबित हो रही है। इसलिए जल्द से जल्द 15 से 20 नये दवा छिड़काव यंत्र (माइक्रोनियर अथवा अलवामास्ट पावर स्प्रेयर), वाहन और मानव संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही, जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर जिलों में अतिशीघ्र हवाई अथवा ड्रोन के माध्यम से दवा छिड़काव की सुविधा उपलब्ध कराना भी नितांत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि राज्य में अब तक कुल 5 लाख 7 हजार 885 हैक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी के लिए सर्वेक्षण किया गया है और लगभग 1 लाख 50 हजार 892 हैक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण की कार्यवाही की गई है। टिड्डी चेतावनी संगठन के पास उपलब्ध 17 वाहनों के अतिरिक्त राज्य सरकार ने 37 नियंत्रण वाहन उपलब्ध कराए हैं। साथ ही, टिड्डी नियंत्रण के लिए किसानों को कीटनाशकों के छिड़काव के लिए अनुदान राशि भी उपलब्ध कराई है।