चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम इसरो के प्लान के मुताबिक सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर सका और स्पेस एजेंसी से इसका संपर्क टूट गया,हालांकि ऑर्बिटर की मदद से विक्रम की लोकेशन का पता लग चुका है और उससे संपर्क साधने की पूरी कोशिश की जा रही है, 21 सितंबर तक ही वे लैंडर विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश कर सकते हैं, इसके बाद ‘लूनर नाइट’ की शुरुआत हो जाएगी।जिससे हालात एकदम से बदल जाएंगे क्योंकि चांद की सतह बहुत ज्यादा ठंडी है, साउथ पोल में तो तापमान माइनस में पहुंच जाता है, ऐसे में अब लैंडर विक्रम पर माइनस 200 डिग्री का भी कहर बरपा रहा है।
ये तो हुई लैंडर विक्म की बात लेकिन इस ब्रह्मांड में कई ऐसे राज छिपे हैं जिनसे हम साधारण लोग परिचित नहीं हो पाते।अंतरिक्ष यात्रियों के अनुसार अंतरिक्ष से सीयर्ड स्टेक, गर्म धातु और वेल्डिंग फ्यूम की तरह महक आती है। अंतरिक्ष में सूट की कीमत लगभग 12 मिलियन डॉलर होती है, मतलब की भारतीय मुद्रा में 75,24,05,400 रुपये के बराबर। बुध और शुक्र हमारे सौर मंडल में केवल दो ग्रह है जिनमें कोई चंद्रमा नहीं हैं।आकाशगंगा की चौड़ाई लगभग 100,000 प्रकाश वर्ष है। सूर्य पृथ्वी से 300,000 गुना बड़ा हैं।
प्लेटो पृथ्वी के चंद्रमा से छोटा हैं। चंद्रमा लगभग 4.5 अरब साल पुराना हैं। मंगल ग्रह का दिन 24 घंटे 39 मिनट और 35 सेकंड का होता हैं।चांद पर सबसे पहला व्यक्ति नील आर्मस्ट्रांग गया था। अंतरिक्ष में तीन मुख्य प्रकार की आकाशगंगाएं Spiral, Elliptical और Irregular हैं। पृथ्वी में वायुमंडल के कारण तारे रात में चमकते है क्योंकि प्रकाश में बाधा उत्पन्न होती हैं। चंद्रमा पर जाने वाला दूसरा आदमी Buzz Aldrin था।चंद्रमा का जन्म 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी से हुई एक टक्कर के बाद हुआ था। यह सौर मंडल का 5वां सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है।
पृथ्वी के मध्य से चन्द्रमा के मध्य तक कि दूरी 384, 403 किलोमीटर है। सोवियत राष्ट् का लूना-1 पहला अंतरिक्ष यान था जो चांद के पास से गुजरा था। चंद्रमा से आसमान नीला नहीं बल्कि काला दिखायी देता है क्योंकि प्रकाश का प्रकीर्णन वहां नहीं होता। सूर्य के बाद आसमान में सबसे अधिक चमकदार निकाय चन्द्रमा है,चन्द्रमा की तात्कालिक कक्षीय दूरी, पृथ्वी के व्यास का 30 गुना है।