चंद्रमा पर चंद्रयान 2 की सॉफ्ट लैंडिंग के जरिए भारत दुनिया के सामने अपनी तकनीकी श्रेष्ठता का प्रदर्शन करेगा। इसरो के वैज्ञानिकों के साथ इस क्षण की प्रतीक्षा इसरो के वैज्ञानिकों के साथ ही दुनिया को भी है। इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बना। आज हम आपको एस्ट्रोनॉट के आउटफिट के बारे में बताने जा रहे हैं। आपने अक्सर उन्हें सफेद और नारंगी रंग कवर कपड़े में देखा होगा। जानें क्या होता है उनके कपड़ों में खास और सिर्फ इन दो रंगों का क्यों होता है चुनाव।
नारंगी स्पेस सूट को एडवांस क्रू एस्केप सूट (ACES) भी कहते हैं। सफेद स्पेस सूट का नाम एक्स्ट्रा विहाइकुलर एक्टिविटी सूट (EVAS) हैं। ऑरेंज सूट को एंट्री सूट के नाम से भी जानते हैं। स्पेस में ऑरेंज सूट आसानी से दिखता है। सूर्य के तेज प्रकाश को रिफलेक्ट करने के लिए व्हाइट कलर का सूट पहना जाता है।
अंतरिक्ष के काले वातावरण में व्हाइट कलर आसानी से दिखता है। बता दें कि ऑरेंज सूट स्पेस शटल की टेक-ऑफ या लैंडिंग के समय दुर्घटनाओं से एस्ट्रोनॉट्स को बचाते हैं। सफेद सूट को मुख्य रूप से स्पेस वॉकिंग के लिए डिजाइन किया जाता है। सफेद सूट में वॉटर कूलिंग सिस्टम भी है। ये दूसरे स्पेस में सरवाईवल में हेल्प करते हैं।
खास बाते ये है कि EVA सूट शरीर के पसीने को रीसाइकल करता है जिससे एस्ट्रोनॉट्स विषम परिस्थितियों में भी कूल रहते हैं। सफेद सूट के अंदर एक ड्रिंक बैग भी होता है जो पानी से भरा होता है। ये 6 घंटे के स्पेसवॉक तक चिल करता है।