हनी ट्रैप केस की जांच ने तेजी पकड़ ली है। एसआईटी प्रमुख संजीव शमी अब ताबड़तोड़ ऑपरेशन कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात ये कि शमी ने मीडिया में लीक हो रही खबरों पर रोक लगा दी है। ताकि, हनी ट्रैप में सामने आने वाले चेहरे इसका फायदा न उठा सकें। अभी तक मीडिया के ये पता नहीं चला है कि पांचों महिलाओं से एसआईटी कहां-किस स्थान पर पूछताछ कर रही है? एसआईटी जांच से जो खबरें छनकर आ रही हैं, वे बता रही हैं कि इस केस में अब तक 10 आईएएस और 6 आईपीएस के चेहरे एकदम साफ हो गए हैं। ये सभी मप्र कैडर के हैं। छग कैडर के कुछ संदिग्ध नौकरशाहों के चेहरे साफ होने हैं। आरोपियों से पूछताछ में यह स्पष्ट हो जाएगा कि छग से कितने नेता, अफसर इस खेल में शामिल थे।
दो मोबाइल नंबरों पर हुई बातचीत की होगी जांच
हनी ट्रैप गैंग ने सबसे ज्यादा कृषि विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग के साथ व्यापारी और कंपनियों को करोड़ों का सरकारी काम दिलाया। ग्वालियर का बिल्डर प्रमुख सचिव के है पारिवारिक मित्र। शिकायत में दो मोबाइल नंबरों पर हुई बातचीत की जांच की मांग। मंत्रालय में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच करने की मांग। विभागीय आदेश की कॉपी दिखा कर अधिकारी-कर्मचारियों के साथ कंपनी, व्यापारियों समेत कई लोगों को किया ब्लैकमेल। ग्वालियर के बिल्डर ने एक पुरुष आरोपी की पत्नी से बनवाया था सीनियर आईएएस का अश्लील वीडियो।