2 अक्टूबर 2019 (2 October 2019) को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती (Mahatma Gandhi 150 Jayanti) देशभर में धूमधाम के साथ मनाई जाएगी। गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के मौके पर कई तरह के कार्यक्रमों के आयोजन किया जाएगा। जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Father Of Nation Mahatma Gandhi) को याद किया जाता है उनके द्वारा देश (India) की आजादी (Independence) के लिए किए गए संघर्ष के बारे में भी बताया जाता है। गांधी जयंती भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में धूम धाम का साथ मनाई जाती है और इस मौके पर कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। गांधी जयंती के खास मौके पर हम आपको बताने जा रहे कि जब मोहम्मद अली जिन्ना ने गांधी जी को ‘महात्मा’ कहने से इनकार कर दिया था तब गांधी जी ने इस पर किया प्रतिक्रिया दी थी।
जिन्ना ने गांधी जी को ‘महात्मा’ कहने से किया इनकार
गांधी जी को 1920 तक ‘महात्मा गांधी’ कहने का चलन बढ़ गया था। लोग उन्हें ‘महात्मा गांधी’ कहकर बुलाते थे। दिसंबर 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक के दौरान खिलाफत आंदोलन के नेता मोहम्मद अली जिन्ना ने गांधी जी को मिस्टर गांधी कहकर संबोधित किया था। जिसके बाद जिन्ना से अनुरोध किया गया कि वह गांधी जो को ‘महात्मा गांधी’ कहकर संबोधित करें।
इस दौरान वहां पर कई प्रतिनिधि ने तेज आवाज से बोलते हुए जिन्ना से कहा था कि वह गांधी जी को महात्मा गांधी कहकर संबोधित करें। मोहम्मद अली जिन्ना ने गांधी जी को ‘महात्मा गांधी’ कहने से साफ इनकार कर दिया और वो अपनी इसी जिद पर अड़े रहे। इसी बीच कई लोगों ने उनसे बैठने जाने का कहा। बात को बढ़ती हुई गांधी जी खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि ‘मैं एक महात्मा नहीं हूं, एक साधारण आदमी हूं’।
गांधी जी ने कहा था कि आप मोहम्मद अली जिन्ना साहेब को कोई खास शब्द बोलने के लिए कह रहे हैं तो यह कहकर आप मेरा सम्मान नहीं कर रहे हैं। गांधी जी ने सादगी भरे अंदाज में कहा कि हम दूसरों पर अपना विचार थोपकर असली आजादी हासिल नहीं कर सकते हैं। गांधी जी ने कहा था कि कोई भी शख्स हो उसी भाषा में यदि कुछ आपत्तिजनक या अपमानजनक नहीं हो तो उनको अपनी मर्जी से सोचने और बोलने की आजादी है। इसके बाद मोहम्मद अली जिन्ना पर भड़कने वाले सभी लोग शांत हो गए।
मोहम्मद अली जिन्ना थे प्रमुख राजनीतिज्ञ
जानकारी के लिए आपको बता दें कि मोहम्मद अली जिन्ना 20वीं सदी के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ थे। मोहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। मोहम्मद अली जिन्ना मुस्लिम लीग के नेता थे और वह आगे चलकर पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल भी बने। मोहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान में बाबा-ए-क़ौम यानी राष्ट्र पिता के नाम से नवाजा जाता है।