राम नाम वाले करेंसी नोट नीदरलैंड और अमेरिका में इस्तेमाल हो रही हैं. हालांकि इन नोटों को वहां आधिकारिक मुद्रा नहीं माना गया है बल्कि ये एक खास सर्कल के भीतर इस्तेमाल होती है लेकिन ये इन दोनों ही देशों में चलन में है. इन नोटों पर भगवान राम की तस्वीर भी होती है. अमेरिका के एक स्टेट आयोवा की एक सोसाइटी के भीतर राम मुद्रा चलती है. यहां अमेरिकन इंडियन जनजाति आयवे के लोग रहते हैं. अमेरिका की इस सोसायटी के लोग महर्षि महेश योगी को मानते हैं. महर्षि वैदिक सिटी में बसे उनके अनुयायी कामों के बदलों में इस मुद्रा में लेनदेन करते हैं. साल 2002 में “द ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस” नामक एक संस्था ने इस मुद्रा को जारी किया और समर्थकों में बांटा.
कौन हैं महर्षि योगी
महर्षि महेश योगी छत्तीसगढ़ राज्य में पैदा हुए. उनका असल नाम महेश प्रसाद वर्मा था. उन्होंने फिजिक्स में उच्च शिक्षा लेने के बाद शंकराचार्य ब्रह्मानन्द सरस्वती से दीक्षा ली, इसके बाद उन्होंने विदेशों में अपना प्रचार प्रसार किया. खासकर उनका भावातीत ध्यान यानि “transcendental meditation” विदेश में काफी लोकप्रिय है.
रॉक ग्रुप बीटल्स अनुयायी हो गया
“Let it be” गाने वाले “बीटल्स” के सदस्य करियर के उफान के दौर में काम छोड़कर भारत आए. उन्होंने महेश योगी के साथ वक्त बिताया. इसके बाद योगी की ख्याति और बढ़ गई. महर्षि का आखिरी वक्त एम्सटर्डम के पास एक छोटे से गांव में बीता. तब तक योग, ध्यान और आयुर्वेदिक इलाज का उनका तरीका दुनिया में लोकप्रिय हो चुका था.
नहीं मिला लीगल टेंडर
24 फरवरी 2002 से राम मुद्रा के लेनदेन की शुरुआत हुई. वैदिक सिटी के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के लिए अमेरिकी सिटी काउंसिल ने इस मुद्रा को स्वीकार तो किया लेकिन कभी इसे लीगल टेंडर नहीं दिया. वैसे 35 अमेरिकी राज्यों में राम पर आधारित बॉन्ड चलते हैं.
राम मुद्रा की कीमत
एक राम मुद्रा का मूल्य 10 अमेरिकी डॉलर तय किया गया. इस तरह के तीन नोटों का मुद्रण हुआ. जिस नोट पर एक राम, उसका मूल्य 10 डॉलर, जिसपर दो, उसकी कीमत 20 डॉलर और जिसपर राम की तीन तस्वीरें छपी हुई हों, उसकी कीमत 20 अमेरिकी डॉलर के बराबर आंकी गई. आश्रम के भीतर सदस्य इनका इस्तेमाल आपस में करते हैं. आश्रम से बाहर जाने पर राम मुद्रा के मूल्य के बराबर डॉलर ले लेते हैं.
नीदरलैंड में राम मुद्रा को कानूनी मान्यता
नीदरलैंड में राम मुद्रा को कानूनी मान्यता मिली हुई है. यहां राम की एक तस्वीर के बदले 10 यूरो मिलते हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया कि डच सेंट्रल बैंक के अनुसार इस समय नीदरलैंड में लगभग एक लाख राम मुद्राएं चलन में हैं. लोग बैंक में जाकर इस मुद्रा के बदले 10 यूरो ले सकते हैं.
बीबीसी की एक खबर के हवाले से राम मुद्रा पर टिप्पणी करते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के भारतीय मूल के प्रोफेसर पंकज जैन ने लिखा है कि वैदिक सिटी ने वैदिक तरीके के खेती-बाड़ी और स्वास्थ्य सुविधा के बीच ही वैदिक मूल्यों को बढ़ाने के लिए राम मुद्रा का चलन शुरू किया. इसके साथ ही पिछले साल के अंत में सोशल मीडिया पर करेंसी को लेकर भारी बहस होने लगी कि विदेशों में करेंसी पर कई चेहरे हो सकते हैं तो हमारे देश में केवल गांधीजी की तस्वीर क्यों दिखती है. बहुत से लोगों ने भारत में राम मुद्रा की शुरुआत की भी इच्छा जाहिर की.