छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में लूटपाट के आरोपियों को कोर्ट में पेश करने से पहले रास्ते में पुलिस कर्मियों ने जमकर शराब पार्टी की। इसके बाद कैदियों को लाकर वापस छोड़ दिया और पुलिस लाइन चले गए। इन सबके बावजूद अधिकारियों को पता नहीं चल सका। पुलिस की इस शराब पार्टी का तीन दिन बाद वीडियो वायरल हो गया। इस पर संज्ञान लेते हुए मंगलवार को एसपी ने जांच के आदेश दे दिए। रिपोर्ट आने के बाद दो कांस्टेबल को संस्पेंड कर दिया गया है।
पुलिस लाइन से मंगवाई गई थी फोर्स, अधिकारियों को शराब पीने की भनक तक नहीं लगी
- जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला 4 अक्टूबर का है। सेंट्रल जेल में बंद लूटपाट के आरोपी सुनील रजक, जितेंद्र यादव, बलवा का आरोपी रमेश बाबा और आर्म्स एक्ट आरोपी शुभम वर्मा व चेतन दास की बिल्हा कोर्ट में पेशी थी। सेंट्रल जेल प्रबंधन ने शुक्रवार को पांचों आरोपियों को कोर्ट ले जाने के लिए पुलिस लाइन से फोर्स की मांग की। इस पर कैदियों को ले जाने के लिए प्रधान आरक्षक राजेंद्र सिंह, आरक्षक नानूराम डहरिया, दिलीप वैष्णव और रवि वानखेड़े की ड्यूटी लगाई गई।
- ड्यूटी लगने के बाद पांचों बंदियों को शासकीय वाहन में लेकर पुलिसकर्मी बिल्हा कोर्ट के लिए रवाना हुए। इस बीच कोर्ट पहुंचने से पहले पुलिसकर्मियों ने शनीचरी बाजार में शराब की दुकान के पास गाड़ी खड़ी कर दी। यहां बंदियों को गाड़ी में छोड़कर पुलिसकर्मी दुकान के पास बैठकर शराब पीने लगे। इसके बाद नशे में ही आरोपियों को लेकर कोर्ट पहुंच गए। पुलिसकर्मी पेशी के बाद बंदियों को जेल छोड़कर लाइन के लिए रवाना हो गए। यहां भी अधिकारियों को पुलिसकर्मियों के नशे में होने की भनक नहीं लगी।
- इसके बाद सोमवार देर शाम सभी पुलिसकर्मियों को शराब पीते वीडियो वायरल हो गया। इसमें कुछ पुलिसकर्मी वर्दी में भी दिखाई दे रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। एसपी तक बात पहुंची तो उन्होंने मामले की जांच के निर्देश दे दिए। मंगलवार दोपहर तक जांच रिपोर्ट एसपी को सौंप दी गई। रिपोर्ट मिलने के बाद उन्होंने दो कांस्टेबल को फिलहाल सस्पेंड कर दिया है। वहीं पूरे मामले की जांच अभी जारी है। संभावना है कि इस मामले में अन्य पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिर सकती है।