Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ : 73000 गरीबों के नाम राशन कार्ड से कर दिए गायब

छत्तीसगढ़ : 73000 गरीबों के नाम राशन कार्ड से कर दिए गायब




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना सार्वभौम पीडीएस के क्रियान्वयन में अपना जिला फिसड्डी साबित हो गया है। कार्ड बनाने और डाटा एंट्री करने में ऐसी लापरवाही बरती गई कि दो महीने से बीपीएल कार्डधारी गरीब परेशान हो गए हैं। दो महीने से शासन की मंशा के अनुरूप उनको खाद्यान्न नहीं मिल पा रहा है। जांच के बाद फूड कंट्रोलर ने अब जाकर विभागीय अमले की गलती का खुलासा किया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले के 73 हजार गरीबों के नाम को विभागीय अमले ने राशन कार्ड से गायब कर दिया था।

राज्य की सत्ता पर काबिज होने के बाद कांग्रेस सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह और पूर्व खाद्य मंत्री पुन्नू लाल मोहले की फोटो वाले राशन कार्ड को बदलने का निर्णय लिया। इसके लिए सार्वभौम पीडीएस योजना लेकर आए। सार्वभौम पीडीएस के तहत बीपीएल हितग्राहियों को राशन कार्ड का नवीनीकरण कराने का फरमान जारी किया।

लिहाजा सभी कार्डधारकों ने पुराने कार्ड को सरेंडर करने के साथ ही नवीनीकरण कराने के लिए आवेदन जमा किया था। आवेदन लेने के बाद महिला मुखिया के नाम कार्ड जारी करने के साथ ही परिवार के सदस्यों के नाम को शामिल करना था। इसके बाद शासन की वेबसाइट पर डाटा एंट्री करनी थी।

राज्य शासन ने गांधी जयंती के अवसर पर दो अक्टूबर से बीपीएल कार्डधारकों को नए नियमों के अनुसार खाद्यान्न वितरण के निर्देश प्रदेशभर के कलेक्टरों को जारी किए थे। इसी आपाधापी में विभागीय अमले ने महिला मुखिया के नाम कार्ड तो जारी किया साथ ही परिवार के सदस्यों के नाम को कार्ड से पूरी तरह गायब कर दिया।

राशन कार्ड वितरण के दौरान परिवार के सदस्यों के नाम छूटने को लेकर हितग्राहियों ने हंगामा भी मचाया था । लगातार शिकायत के बाद शासन ने इसे गंभीरता से लिया और नए सिरे से परिवार के सदस्यों के नाम कार्ड में जोड़ने के अलावा डाटा एंट्री के निर्देश दिए थे। शासन के कड़ाई के बाद जब कार्ड में हितग्राहियों के परिवार के सदस्यों के नाम को जोड़ना शुरू किया तब पता चला कि 73 हजार गरीबों के नाम को छोड़ दिया गया था ।

कुछ ऐसी चली थी राजनीति

राशन कार्ड वितरण के लिए प्रशासन स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था। इसमें सत्ताधारी दल के विधायकों की मौजूदगी को अनिवार्य किया था। तालापारा में शहर विधायक शैलेष पांडेय की अगुवाई में जब कार्ड का वितरण शुरू हुआ तब हितग्राहियों के साथ नेता प्रतिपक्ष शेख नजरुद्दीन व पार्षद रामा बघेल ने विधायक के सामने शिकायत दर्ज कराई कि कार्ड में महिला मुखिया का नाम है।

परिवार के सदस्यों के नाम को छोड़ दिया गया है। इस पर विधायक ने मौके पर मौजूद खाद्य विभाग के अफसरों को फटकार लगाते हुए खाद्य सचिव डॉ.कमलप्रीत सिंह से मोबाइल पर बात कर गड़बड़ी की जानकारी दी थी।

तबादले के साथ ही प्रभार भी बदला

राशन कार्ड बनाने में लापरवाही सामने आने के बाद राज्य शासन ने वर्षों से जमे चार खाद्य अधिकारियों का तबादला अन्यत्र जिलों में कर दिया है। इसके अलावा कलेक्टर ने विभागीय लिपिकों के प्रभार में भी अदला बदली कर दी है। राजस्व विभाग के कर्मचारियों का अटैचमेंट खत्म कर मूल विभाग में वापस भेज दिया है।

गुड़ी के कार्डधारकों ने खाद्यान्न लेने से कर दिया था इन्कार

राशन कार्ड में परिवार के सदस्यों के नाम न होने से ग्राम गुड़ी के 650 से ज्यादा कार्डधारकों ने राशन दुकान के सामने जमकर हंगामा मचाया था और विरोध स्वरूप खाद्यान्न लेने से इन्कार कर दिया था। बीपीएल कार्डधारकों द्वारा शासन की योजना का बायकॉट करने से जिला प्रशासन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया था। इसकी खबर राज्य शासन तक पहुंची थी।

अब वेंडरों पर होगी कार्रवाई

बीपीएल एवं अंत्योदय राशनकार्डों में त्रुटि के लिए जिम्मेदार वेंडरों पर कार्रवाई करने कलेक्टर ने फूड कंट्रोलर को निर्देश जारी किया है। बीपीएल हितग्राहियों के नाम राशन कार्ड बनाते वक्त परिवार के सदस्यों के नाम को छोड़ दिया गया था। तकरीबन 73 हजार लोगों के नाम कार्ड में जोड़ने के अलावा बेवसाइट पर एंट्री की गई है। इसी महीने बीपीएल हितग्राहियों को शासन की योजना के अनुसार खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा। – बीएस उइके, अतिरिक्त कलेक्टर