स्ट्रेस के कारण आप सिरदर्द, कंपकंपाहट, गुस्सा आना या व्यवहार में परिवर्तन, मूड स्विंग्स, पैनिक अटैक, तेज पसीना आना या भिंचे हुए जबड़े आदि जैसी अनुभूतियां महसूस कर सकते हैं। लंबे समय तक इसके बने रहने से शरीर इस तरह महसूस करता है मानो वह लगातार एक प्रकार के हमले से लड़ रहा हो।
आपको बता दे की जब ऐसा होता है, तब शरीर में हार्मोन्स का स्तर बहुत बढ़ने लगता है और यह असंतुलन रक्त में शकर के संतुलन को पूर्ण्तः गड़बड़ा सकता है।
आपको बता दे की स्ट्रेस की यह स्थिति उन लोगों को तो दिक्कत देती ही है, जो पहले से डायबिटिक होते हैं। इसके अलावा वे लोग जिनमें अब तक शुगर के स्तर के बढ़ने जैसी स्थिति नहीं बनी है, वे भी इसकी जद में आ जाते हैं और डायबिटिक हो सकते हैं। वहीं स्ट्रेस के साथ अल्कोहल का सेवन, एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी की कमी, अनियमित खानपान तथा नींद में कमी मिलकर भी व्यक्ति को डायबिटीज की ओर धकेल सकती हैं।
स्ट्रेस की यह स्थिति अत्यधिक तकलीफदायी न बने, इसके लिए प्रयास करें। स्ट्रेस का सबसे अच्छा इलाज उसका सही प्रबंधन ही है। इसलिए कुछ खास बातों को हमेशा के लिए अपने जीवन का हिस्सा बना लें। इनमें शामिल हैं:
– ध्यान (मेडिटेशन) को अपनाएं
– सकारात्मक चीजों से जुड़ें
– बार-बार दुख देने वाले कारणों को याद न करें
– खुद को व्यस्त रखें
– गहरी सांस लेने व छोड़ने का अभ्यास नियमित करें
– नियमित व्यायाम को अपनाएं
– संगीत या अन्य क्रिएटिव चीजों के जरिए जीवन को सरल और प्रवाहमय बनाएं।