Home समाचार SBI के ग्राहकों के लिए खुशखबरी, सस्ता हुए सभी तरह के लोन…

SBI के ग्राहकों के लिए खुशखबरी, सस्ता हुए सभी तरह के लोन…




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देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहकों के लिए खुशखबरी है। SBI अपने लोन को सस्ता करने जा रहा है। SBI ने सोमवार को सभी तरह के लोन के लिए मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 बेसिस पॉइंट की कटौती करने का ऐलान किया।

 देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहकों के लिए खुशखबरी है। SBI अपने लोन को सस्ता करने जा रहा है। SBI ने सोमवार को सभी तरह के लोन के लिए मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 बेसिस पॉइंट की कटौती करने का ऐलान किया। नई दरें कल यानी मंगलवार से लागू होंगी। इस कटौती के बाद स्टेट बैंक के होम, कार और अन्य MCLR लिंक्ड लोन सस्ते हो जाएंगे। MCLR में कटौती से ब्याज दरों में भी कमी आती है। लेकिन इसका सभी लोन लेने वालों को नहीं होगा। लोन ( Loan) लेने वाले नए लोगों को इसका फायदा सबसे पहले होगा, वहीं पुराने कर्जदारों को फायदे के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।

आपको बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय स्टेट बैंक ने MCLR में लगातार 8वीं बार कटौती की है। स्टेट बैंक की ओर से जारी ने बयान में कहा, ‘फंड की घटती लागत का लाभ ग्राहकों को देने के लिए हमने MCLR में 0.10 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया है।’ ताजा कटौती के बाद SBI में अब MCLR सालाना 7.90 फीसदी होगी, जो अब तक 8 फीसदी है। SBI ने कहा कि होम लोन और ऑटो लोन के मार्केट शेयर के 25 फीसदी हिस्से पर उसका कब्जा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को 5.15 फीसदी पर कायम रखा था।

SBI ने अपने बयान में कहा है कि MCLR में कटौती के साथ ही देश में सबसे कम ब्याज पर कर्ज उपलब्ध कराने वाला बैंक बन चुका है। गौरतलब है कि नवंबर में SBI ने MCLR 0.05 फीसदी कटौती का ऐलान किया था। बैंक के इस ऐलान के बाद बैंक का MCLR 8.05 फीसदी से घटकर 8 फीसदी हो गया था। आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) इस साल अबतक रेपो रेट को 1.35 फीसदी तक घटा चुका है।

MCLR क्या होता है..?

MCLR को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट भी कहते हैं। इसके तहत बैंक अपने फंड की लागत के हिसाब से लोन की दरें तय करते हैं। ये बेंचमार्क दर होती है। इसके बढ़ने से आपके बैंक से लिए गए सभी तरह के लोन महंगे हो जाते हैं। साथ ही MCLR घटने पर लोन की EMI सस्ती हो जाती है।