सर्दियों के मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के साथ ही गले और छाती में बलगम बनने लगता है। छाती और गले में बलगम बनने से सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। गले और छाती में जकड़न महसूस होना, लगातार छींक आना, नाक बहना, बुखार आना, गले में खराश रहना, बलगम वाली खांसी होना, सीने में दर्द महसूस होना इस समस्या के आम लक्षण हैं।
कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो छाती या सीने में तेज दर्द होने पर इसे हार्ट अटैक मानकर डर जाते हैं लेकिन यह कफ का लक्षण भी हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि वात, पित्त और कफ का शरीर में संतुलन ठीक नहीं है, तो काफी नुकसान हो सकता है। कफ से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि ऐसे चीजों को खाने से बचना चाहिए, जो कफ पैदा करती हैं।
सर्दी-खांसी और गले में जमा कफ से छुटकारा पाने के लिए बार-बार एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करने से आपको कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए हर बार गोली लेने से बचना चाहिए। इससे छुटकारा पाने के लिए हम आपको एक देसी इलाज बता रहे हैं।
दूध और फैट वाली चीजें
दूध कफ को बढ़ाता है। अगर आपकी कफ प्रकृति है तो आपको दूध का सेवन कम करना चाहिए या फिर हल्दी के साथ इसका सेवन करें। फैट वाली चीजों का सेवन कफ बढ़ाने का काम करती हैं इसलिए जितना हो सके इनसे बचने की कोशिश करें।
पनीर और मक्खन
पनीर भी दूध से बना होता इसलिए पनीर से कफ तो बनता ही है, कई लोगों को पाचन संबंधी समस्या भी हो सकती है क्योंकि कुछ लोगों को पनीर आसानी से नहीं पचता। मक्खन में वसा अधिक होता है, इसलिए यह कफ बढ़ाने का काम करता है। कफ की समस्या में मक्खन या मक्खन से बानी चीजों के सेवन से परहेज करें।
मांस
कफ बढ़ने पर मांस का सेवन कफ पीड़ित के लिए नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए कफ की समस्या होने पर मांस का सेवन करने से बचें और अगर कफ की तासीर हो तो मांस का सेवन कम से कम करें।
गुड़
भोजन के बाद थोड़े से गुड़ का सेवन काफी फायदेमंद होता है, क्योकि गुड़ की तासीर गर्म होती है, और इसके दोहरे फायदे है क्योकि यह कफ को कम करने के साथ ही पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
तुलसी और अदरक
तुलसी, सौंठ, अदरक और शहद जैसी चीजों का सेवन कफ को कम करने में रामबाण होता है,और इन्हें किसी भी तरह से डाइट में शामिल किया जा सकता है और इनके साइड इफेक्ट भी नहीं है।
काली मिर्च
सबसे पहले काली मिर्च के कुछ दानों को अच्छी तरह पीस लें। दो कप पानी गर्म करें और काली मिर्च का पाउडर उसमें मिक्स कर दें। जब पानी उबलकर एक चौथाई रह जाए तो इसे छान लें। अब इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। आपको इसका सुबह-शाम दोनों समय सेवन करना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि काली मिर्च में विटामिन, फ्लैवोनॉयड्स, कारोटेन्स, एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम जैसी कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो बहुत ही शक्तिशाली होते हैं। पिपरीन नामक तत्व के कारण इसका स्वाद सबसे अनोखा है। काली मिर्च कैंसर और टीबी जैसी खतरनाक बीमारियों से शरीर की रक्षा कर सकती है।