छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की है कि वो एनआरसी (NRC) को नहीं मानेंगे. बघेल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार भले ही अपनी संख्या बल के आधार पर संसद से कोई भी कानून बना ले लेकिन उसे मानना जनता के हाथ में है. एक साल पहले भारी बहुमत से छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने भूपेश के मुताबिक जनता सब कुछ देख और समझ रही है कि क्या गलत हो रहा है और क्या सही.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के संपादक प्रकाश चंद्र होता से खास बातचीत करते हुए यह बात कह रहे थे. बघेल ने कहा कि वो देश के पहले नागरिक होंगे जो एनआरसी पर दस्तखत करने से इंकार करेंगे. छत्तीसगढ़ सीएम ने कहा कि वो नागरिकता से जुड़ा हुआ किसी भी तरह का फॉर्म भी नही भरेंगे.
नागरिकता संसोधन कानून के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली सहित पूर्वोत्तर राज्यों में जारी हिंसा पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे केंद्र का तुगलकी फरमान करार दिया है. सीएम ने कहा कि यह धर्म के आधार पर बनाया गलत कानून है. जबकि संविधान का निर्माण इससे अछूता रहा है. बिल के विरोध में देश जल रहा है लोग बिना किसी राजनीतिक बैनर के खुल के विरोध कर रहे हैं.
भूपेश ने कहा कि विरोध का असर इतना की जापान के प्रधानमंत्री को भारत यात्रा रद्द करनी पड़ी. इससे पहले बघेल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में आज जो हो रहा है वही असली गुजरात मॉडल है. उन्होंने कहा कि बंगाल, उत्तर-पूर्वी राज्यों से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक जल रही है. बस कुछ लोगों की जिद इस देश की अखंडता और सम्प्रभुता को नष्ट कर रही है. गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून संसद में आते ही लगातार इसका विरोध हो रहा है. सबसे पहले संसद में विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया. इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिस विश्वविद्यालय, असम, जामिया यूनिवर्सिटी दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में भी छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. दिल्ली के जामिया नगर इलाके में हुए विरोध प्रदर्शन की वजह से यहां कानून व्यवस्था की स्थिति भी खराब हो गई.
सोमवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ रैली निकाली. बंगाल और असम में पहले से ही एनआरसी लागू करने को लेकर विवाद चल रहा है. एक तरफ जहां केंद्र सरकार इस कानून को लागू करने पर अड़ी हुई है वहीं विपक्षी पार्टियां लगातार इसका विरोध कर रहीं हैं.