भोपाल दुग्ध संघ के प्राण सांची दूध के प्रति लोगों की विश्वसनीयता का फायदा उठाकर मिल्क माफिया ने पिछले 1 साल में करोड़ों का एंपायर खड़ा कर दिया। बताया जा रहा है कि सांची के टैंकरों से चुराया जाने वाला शुद्ध दूध एक प्राइवेट कंपनी को बेच दिया जाता था। वह कंपनी इस दूध को 18 देशों में सप्लाई करती है। सरकार ने सिर्फ दो अफसरों को सस्पेंड करके मिल्क माफिया को सुरक्षित कर लिया है। सूत्रों का यह भी दावा है कि भोपाल दुग्ध संघ के कई अवसर मिल्क माफिया के कारोबार में शेयर होल्डर है।
सूत्रों के मुताबिक इस कंपनी के संचालकों की टैंकर संचालित करने वाले गिरोह से सांठगांठ है। टैंकरों से चोरी होने वाला दूध इस कंपनी को सप्लाई किया जाता है। इस दूध को कंपनी अपने ब्रांड में पैक करके उसकी सप्लाई करती है। इस कंपनी की पनीर बनाने की फैक्टरी का भी पता चला है। इस डेयरी की खपत और दूध सप्लाई के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। वहीं, क्राइम ब्रांच की दो टीम बैरसिया निवासी एजेंट गोपाल गुर्जर की तलाश में उनके ठिकानों पर नजर रखे हुए हैं।
तीन नए रैकेट सामने आए
क्राइम ब्रांच के मुताबिक योगेंद्र देव पांडे के अलावा भी तीन गिरोह का और पता चला है। इस गिरोह को अंकल, गौर और पठारिया के नाम से जाना जाता है। इस लोगों के खुद के कई टैंकर संचालित हैं, जो दुग्ध संघ से अनुबंधित हैं। यह दुग्ध संघ के बाहरी लोग हैं।