बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए.के. अब्दुल मोमेन ने भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता की मुख्य वजह दक्षेस को बताया है। उन्होंनेकहा है कि इन दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच तनाव व दुुश्मनीकी मुख्य वजह दक्षेसका न फलना-फूलना है।हालांकि, उन्होंने ‘बिमस्टेक’ और ‘BBIN’ जैसी अन्य क्षेत्रीय पहल के बारे में आशा जताई। मोमेन की यह टिप्पणी दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के सदस्य देशों के बीच सहयोग एवं समन्वय के अभाव को लेकर इस महीने की शुरूआत में भारत और पाकिस्तान द्वारा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाने के बाद आई है।
मोमेन ने ‘नेपाल-बांग्लादेश यात्रा कार्यक्रम-2019’ के समापन समारोह में विदेशी पत्रकारों के एक समूह से यहां कहा कि दक्षेस का फलना-फूलना भारत और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी की वजह से बाधित हुआ। इस कार्यक्रम की मेजबानी यहां बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने की। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा, ”आप जानते हैं कि दक्षेस फल- फूल नहीं रहा, इसकी एक मुख्य वजह भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता है लेकिन BBIN (बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल) तथा बिमस्टेक (बहु क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) को बेहतर काम करना चाहिए । हमें कड़ी मेहनत करने की जरूरत है और उस प्रक्रिया में चीजें बेहतर तरीके से काम करनी चाहिए।”
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ हफ्ते पहले कहा था कि दक्षेस देशों के बीच व्यापक समन्वय के लिए भारत की कोशिशों को आतंकवाद के खतरों और हरकतों से बार-बार चुनौती मिली है। पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्कों से क्षेत्र को पेश आ रही सुरक्षा चुनौतियों का जिक्र करते हुए भारत पिछले तीन बरसों में दक्षेस से अपनी दूरी बना रहा है।
आखिरी बार दक्षेस शिखर सम्मेलन 2014 में काठमांडू में हुआ था जिसमें मोदी शरीक हुए थे। वर्ष 2016 का दक्षेस सम्मेलन इस्लामाबाद में होना था। लेकिन उस साल जम्मू कश्मीर के उरी में भारतीय थल सेना के एक शिविर पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने मौजूद परिस्थितियों के मद्देनजर सम्मेलन में भाग लेने से मना कर दिया था। इसके बाद, बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी इस्लामाबाद सम्मेलन में शामिल होने से मना कर दिया। दक्षेस शिखर सम्मेलन आमतौर पर दो साल के अंतराल पर होता है।