लोहे की कीमत एक पखवाड़े में 4,000 रुपए प्रति टन से अधिक बढ़ी है। इन भावों पर भी मिलों को आपूर्ति सामान्य नहीं होने से आगे भी तेजी जारी रहने की संभावना है। ओडिशा और छत्तसीगढ़ की खदानों से लौह अयस्क की आपूर्ति पिछले एक माह से लगातार बाधित होने के चलते यह स्थिति बनी है। निर्माताओं के पास अयस्क की आपूर्ति दीपावली के बाद से कमजोर बताई जा रही है। दूसरी ओर रायपुर और मंडी गोविंदगढ़ हाजर मांग विके्रता बाजारों से बेहतर बनने के कारण भाव लगातार मजबूत होते जा रहे है।
दिसंबर के पहले पखवाड़े में 28,000 रुपए प्रति टन का लोहा फिलहाल 32,500 रुपए और इससे भी ऊपर बताया जा रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से नए प्रोजेक्ट्स के लिए अतिरिक्त फंड उपलब्ध करवाने की चर्चा के साथ ही कई प्रोजेक्ट्स के भुगतान में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में तेजी का असर भी देखा जा रहा है। लोहे के बढ़े विक्रेताओं ने धन के परवाह को आसान होता देखकर अपनी अयस्क खरीदी को बढ़ाया है। अयस्क की कीमतों में भी इस अवधि में तेजी की स्थिति बनी है।
विके्रता केंद्रों पर नए सिरे से खरीदी का समर्थन बताया जा रहा है। साथ ही सरकारी योजनाओ में नए सिरे से धन का परवाह बढ़ने की खबरों ने भी तेजी को सपोर्ट किया। रायपुर और मंडी गोविंदगढ़ में पिछले एक पखवाड़े में इसके चलते पुराने भुगतान में तेजी आई और नई बुकिंग बढ़ी।
वायदे में भी उछाल
वायदे में आए उछाल के कारण लोहा बाजार को सपोर्ट मिला है। कई कारोबारी मौजूदा तेजी को वायदे की मजबूती का कारण मान रहे हैं। पिछले एक माह में लोहे के वायदा भाव में चार बार ऊपरी स्तर का सर्किट लगा है। लोहे के वायदे में कम मात्रा में कारोबार के बावजूद उछाल को हाजर के कारोबारी तेजी की मुख्य वजह बता रहे है। हाजर में छोटे कारोबारियों के पास अब भी कुल कारोबार कम बताया जा रहा है।