भारत को पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत के रूप में मिल चुका है। नए साल के पहले दिन CDS का पद संभालते ही उन पर सेना के तीनों अंगों में हर स्तर पर सामंजस्य कायम करने और उनकी संयुक्त शक्ति का सर्वोत्तम यूज करने की जिम्मेदारी भी आ गई। इसी को लेकर उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भारत अपनी तरह का विशेष थिअटर कमांड्स तैयार करेगा। यह थिएटर कमांड भारत को उत्तरी व पूर्वोत्तर क्षेत्र यानी लद्दाख से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक बाहरी शत्रु से सुरक्षा प्रदान करेगा और युद्ध की स्थिति में दुश्मन का नामोनिशान मिटा देगा। यह थिअटर कमांड आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को एकीकृकत कर बनाई जाएगी।
ये होता है थिअटर कमांड
सेना के तीनों अंगों आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के साथ-साथ अन्य सैन्य बलों को एक भौगोलिक क्षेत्र में एक ही ऑपरेशनल कमांडर के नीचे लाकर थिअटर कमांड बनाया जाता है। ऐसे कमांड सुनिश्चित करते हैं कि जल, जमीन और हवा में सामंजस्य बनाकर युद्ध अभियानों का संचालन हो। इस तरह का कमांड बनाना किफायती होता है। इससे संसाधनों की बचत होती है और उसका बेहतर इस्तेमाल होता है। देश में एक ही थिअटर कमांड है जिसकी स्थापना 2001 में हुई थी। इसे अंडमान और निकोबार कमांड के नाम से जाना जाता है।
इसलिए पड़ी जरूरत
थिअटर कमांड्स के जरिए देश के करीब 15 लाख सशक्त सैन्य बल को पुनर्संगठित किया जा सकेगा जिसे अभी आधुनिकीकरण के लिए फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा वेतन और भत्तों के बढ़ती जरूरतों पर ही खर्च हो जाता है। भारत में अभी 17 सिंगल सर्विस कमांड्स हैं। इनमें सात आर्मी के सात एयरफोर्स के और बाकी तीन नेवी के हैं। बड़ी बात यह है कि देश में सिर्फ दो ही यूनिफाइड कमांड्स हैं। स्ट्रैटिजिक फोर्सेज कमांड की स्थापना 2003 में की गई थी। इस पर परमाणु शस्त्रागार को संभालने की जिम्मेदारी है।
अमेरिका और चीन के पास है थिअटर कमांड्स
अमेरिका के पास 11 एकीकृत लड़ाकू कमांड है। इनमें छह ‘भौगोलिक’ कमांड को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों को कवर करता है। इन्हीं में एक इंडो-पसिफिक कमांड है जो भारत समेत पूरे हिंद प्रशांत क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों पर नजर रखता है। वहीं, पांच ‘फंक्शनल’ कमांड हैं जो परमाणु (न्यूक्लियर), शस्त्रागार (आर्सेनल), विशेष अभियानों (स्पेशल ऑपरेशंस), अंतरिक्ष (स्पेस), साइबर स्पेस और परिवहन/आवाजाही (ट्रांसपोर्ट/मोबिलिटी) को समर्पित हैं। वहीं, चीन ने 2016 में अपनी पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के 23 लाख जवानों को पुनर्संगठित करते हुए 6 थिअटर कमांड बना दिया। वेस्टर्न थिअटर कमांड भारत के साथ लगे पूरे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को कवर करता है जो लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैला है।