राजस्थान के कोटा में जे. के. लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. अब तक वहां 102 मासूमों की मौत हो चुकी है. वहीं दूसरी तरफ इस मामले पर राजनीति भी इसी रफ्तार से चल रही है. कोटा की इस दर्दनाक घटना पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्य के सीएम अशोक गहलोत और सरकार को असंवेदनशील बताते हुए, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर भी निशाना साधा है.
मायावती ने लगातार तीन ट्वीट करते हुए कहा, “कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद व दर्दनाक. तो भी वहाँ के सीएम श्री गहलोत स्वयं व उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय.”
1. कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद व दर्दनाक। तो भी वहाँ के सीएम श्री गहलोत स्वयं व उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय।
वहीं उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “किन्तु उससे भी ज्यादा अति दुःखद है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व खासकर महिला महासचिव की इस मामले में चुप्पी साधे रखना. अच्छा होता कि वह यू.पी. की तरह उन गरीब पीड़ित माओं से भी जाकर मिलती, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही आदि के कारण उजड़ गई हैं.”
2. किन्तु उससे भी ज्यादा अति दुःखद है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व खासकर महिला महासचिव की इस मामले में चुप्पी साधे रखना। अच्छा होता कि वह यू.पी. की तरह उन गरीब पीड़ित माओं से भी जाकर मिलती, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही आदि के कारण उजड़ गई हैं।
मायावती ने अपने तीसरे ट्वीट में प्रियंका गांधी को सीधे नाटकबाज बताते हुए कहा, “यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की “माओं” से नहीं मिलती हैं तो यहाँ अभी तक किसी भी मामले में यू.पी. पीड़ितों के परिवार से मिलना केवल इनका यह राजनैतिक स्वार्थ व कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी, जिससे यू.पी. की जनता को सर्तक रहना है.”
3. यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की ‘‘माओं‘‘ से नहीं मिलती हैं तो यहाँ अभी तक किसी भी मामले में यू.पी. पीड़ितों के परिवार से मिलना केवल इनका यह राजनैतिक स्वार्थ व कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी, जिससे यू.पी. की जनता को सर्तक रहना है।
बता दें कि दिसंबर 2019 से अब तक कोटा के जे. के. लोन अस्पताल में 102 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है. राज्य सरकार और अस्पताल प्रशासन दोनों ही इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं बता पा रहे हैं.