Home साहित्य ओडिशा की सबसे खतरनाक नदी वैतरणी नदी की कहानी, वैतरणी नदी का...

ओडिशा की सबसे खतरनाक नदी वैतरणी नदी की कहानी, वैतरणी नदी का इतिहास




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

हिन्दू धर्म के लोग नरक और वैतरणी नदी से परिचित है. इस नदी को वैतरणा भी कहा जाता है, ऐसा माना जाता है की मनुष्य को उसकी मृत्यु के बाद उसके द्वारा किये गये कर्मो के अनुसार नरक या स्वर्ग प्राप्त होता है. यह माना जाता है बुरे कर्मो के बाद जब आत्मा को यमदूत नरक ले जाते है तो उन्हें वैतरणी नदी को पार करके उन्हें ले जाना होता है. अच्छे कर्म करने वालो को इस नदी के रास्ते नहीं ले जाया जाता. इस नदी के बारे में जानकारी हमें पौराणिक ग्रंथो से भी प्राप्त होती है. यह माना जाता है की यह नदी नरक की ओर ले जाती है. इस नदी के संबंध में कुछ विद्वान इसे गंगा का रौद्र रूप भी कहते है. वैतरणी नदी का जिक्र महाभारत में भी हुआ है, महाभारत से वैतरणी नदी के बारे में जानकारी मिलती है की जब भागीरथी गंगा पितृलोक में बहती है तो वैतरणी कहलाती है.

वैतरणी नदी के बारे में कई बाते प्रचलित है इस नदी के संबंध में कई मान्यताये है. हिन्दू धर्म में यह माना जाता है की जब आत्मा अपना शरीर छोडती है तो उसे इसी नदी के द्वारा ही ले जाया जाता है. मृत्यु के दूत आत्मा को इसी नदी के रास्ते से ही ले जाते है. गरुड़ पुराण में हमें इस नदी के बारे में जिक्र प्राप्त होता है. ऐसा माना जाता है की नदी में पानी नहीं बहता बल्कि रक्त और पस बहती है. कुछ का तो ये मानना है की इस नदी में केवल धुंआ होता है. इस नदी में भयंकर जीव जंतु मौजूद रहते है.

इस नदी को पार करने का तरीका ये बताया गया है की पाप करने वालो ने जीवन में कुछ अच्छा काम किया है तो एक प्रेत उसे अपनी नाव पर बैठा कर इस नदी का भयावह रास्ता पार कराते है.