फाइनेंशियल ईयर 2019-20 का इकनॉमिक सर्वे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश कर दिया है. इकनॉमिक सर्वे 2020 में FY21 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6-6.5% जताया गया है. इकनॉमिक सर्वे में माना गया है कि इस साल रेवेन्यू में कमी के चलते सरकार को इस साल फिस्कल डेफिसिट के मोर्चे पर कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है. सरकार का मानना है कि फूड सब्सिडी में कटौती से डेफिसिट कम किया जा सकता है.
इकनॉमिक सर्वे की बड़ी बातें-
- इकनॉमिक सर्वे में FY21 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6-6.5% जताया गया है.
- फिस्कल मैनेजमेंट के लिए फूड सब्सिडी में कटौती की जा सकती है. सरकार को मांग को बूस्ट देने के लिए अपने खर्चों को बढ़ाना पड़ सकता है. जिससे फिस्कल मोर्चे पर सरकार को ढिलाई बरतनी होगी.
- खाड़ी देशों में तनाव रहने से क्रूड की कीमतों पर असर पड़ सकता है. सरकार को इसके लिए तैयारी रखनी चाहिए.
- हाउसिंग की कीमतों को रियल एस्टेट कंपनियों को कम करना चाहिए. घरों की बिक्री बढ़ेगी तो बैंकों और NBFC को फायदा होदा.
- अप्रैल 2019 में महंगाई 3.2% से गिरकर 2.6% पर आ गई ये दिखाता है कि बाजार में डिमांड कमजोरी गहराई है.
- जब तक IBC की प्रक्रिया तेज नहीं होगी बैंकों में भरोसा नहीं बढ़ेगा और वो कर्ज देने में झिझकेंगे.
- 2020-21 तक इकनॉमी को संकट से उबारने के लिए सरकार को अपने जनादेश का इस्तेमाल करते नए रिफॉर्म लाने चाहिए.
- साल 2018-19 में जीएसटी कलेक्शन उम्मीद से काफी कम रहा है. इसलिए सरकार को टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए कदम उठाने होंगे.