सुई से लेकर करोड़ों रुपए की पटरी चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले विनोद मराठा ने पिछले 15 दिनों के भीतर कई अहम खुलासे किए हैं। मामले में कई बड़े खुलासे होने के बाद मध्य रेल मंडल और दक्षिण पूर्व मध्य रेल मंडल में हड़कंप मचा हुआ है। जहां एक ओर मामले में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की दो लौह इस्पात फैक्ट्रियों का नाम सामने आया है वहीं, आरपीएफ और रेलवे के अधिकारी भी कटघरे में हैं। हर एक अपडेट को प्रमुखता से प्रसारित किया गया। हैरान करने वाली बात यह है कि करोड़ों रुपए की पटरी चोरी का खुलासा होने के बाद न तो रेलवे प्रशासन की कोई प्रतिक्रिया सामने आई है और न ही रेल मंत्रालय ने संज्ञान लेने की जहमत उठाई है। रेल मंत्रालय ने अभी तक इस मामले में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की है।
गौरतलब है कि बीते दिनों नागपुर और बिलासपुर आरपीएफ की टीम ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सिलतरा इलाके से रेल पटरियों की चोरी करने वाले मास्टर माइंड विनोद मराठा को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान आरोपी विनोद ने कई अहम खुलासा करते हुए बताया कि उसने पटरियों की चोरी मध्यप्रदेश के बालाघाट और जबलपुर के बीच बन रही रेल लाइन से पटरियों की चोरी की थी। इसके बाद चोरी की पटरियों को रायपुर के सिलतरा स्थित दो लौह इस्पात कंपनियों को 4 करोड़ रुपए में बेचा गया था।
सबनापुर और लामता के बीच से पटरियों की चोरी
आरोपी विनोद मराठा ने आरपीएफ की टीम को बताया कि उसने मध्यप्रदेश के सबनापुर और लामता के बीच बिछाई जा रही रेल लाइन से करीब 9 किलोमीटर लंबी 700 पटरियों की चोरी की थी। चोरी के बाद पटरियों को ट्रक में डालकर रायपुर लाया गया और सिलतरा की दो कंपनियों में खपा दिया गया।
कुछ ऐसा है चोरी का पूरा मामला
विनोद मराठा ने बताया कि चोरी की गई रेल की डील सिलतरा के हिंदुस्तान क्वाइल और इस्पात इंडिया नाम की दो कंपनियों से 4 करोड़ रुपए में हुई थी। डील होने के बाद पटरियों को पानी की टंकियों में छीपा दिया गया था। लेकिन आरपीएफ की टीम ने दबिश देकर सभी रेल पटरियों को बरामद कर लिया है।
कार्रवाई और पूछताछ लगातार जारी
बताया गया कि विनोद मराठा के खुलासे के बाद आरपीएफ नागपुर की टीम ने हिंदुस्तान क्वाइल और इस्पात इंडिया के सुरपवाइजर को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान दोनों कंपनियों के सुरपवाइजर ने चोरी की पटरियों की खरीददारी की बात कबूल की है। इसके बाद आरपीएफ ने दोनों कंपनियों के मैनेजरों और मालिकों को नोटिस जारी कर 10 दिन के भीतर नागपुर आरपीएफ के कमांडेंट के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। वहीं, 10 दिन के भीतर पेश नहीं होने पर उनकी गिरफ्तारी की जा सकती है।
12 ट्रकों में पटरियों को पहुंचाया गया बालाघाट
हिंदुस्तान क्वाइल और इस्पात इंडिया से पटरियों को बरामद करने के बाद आरपीएफ की टीम ने 12 ट्रकों में लोड कर वापस जबलपुर ले जाया गया। बताया गया कि कुल 570 टन रेट पटरियां बरामद की गई है। वहीं, कुछ पटरियों को गलाने का काम शुरू किया जा चुका था।