भारत में कोरोना वायरस संक्रमण (Corona Virus) के मामले बेशक बढ़ रहे हैं लेकिन पर सरकार इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. बढ़ते मामलों के बीच गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) ने ट्वीट के जरिए कड़े फैसले करने के साथ देश के लोगों से अपील भी की. पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि केंद्र सरकार का कोई भी मंत्री फिलहाल विदेश यात्रा पर नहीं जाएगा. साथ ही देश के लोगों से अपील भी की कि जब तक जरूरी न हो यात्रा से बचें और भीड़भाड़ से परहेज करें. पीएम ने अपने ट्वीट में ये कहा कि कोरोना वायरस को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क है. सुरक्षा के मद्देनज़र केंद्र सरकार के तमाम मंत्रालयों और राज्यों ने कई अहम कदम उठाए हैं. इसके तहत ही वीज़ा भी ससपेंड किये गए हैं.
कड़े फैसले, बड़ा संदेश
मोदी सरकार एक तरफ लोगों को सतर्क रहने की अपील कर रही है तो दूसरी ओर सरकार की तरफ से कड़े फैसले भी लिए जा रहे हैं. भारत सरकार ने नोटिफिकेशन के जारी कर वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया है. एक महीने तक भारत पूरी दुनिया से खुद को अलग-थलग कर लिया है. जिसका मकसद साफ है कि एक दूसरे के संपर्क में आने से फैल रहे वायरस पर कंट्रोल करना है. भारत सरकार ने 15 अप्रैल तक दुनिया के किसी भी देश से आने वाले लोगों का वीजा सस्पेंड कर दिया है. ये फैसला 13 मार्च से लागू होगा. वीजा को लेकर छूट भी दी गयी है. संयुक्त राष्ट्र से जुड़े कर्मचारियों, कूटनीतिक मामलों और सरकारी प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों पर ये प्रतिबंध नहीं होगा. ओवरसीज सिटिजन्स ऑफ इंडिया यानी ओसीआई कार्ड धारकों को मिल रही सुविधा 15 अप्रैल तक खत्म कर दी गयी है.
भारतीय लौटे तो 14 दिन अलग-थलग रहना होगा
एयर इंडिया ने बुधवार रात कहा कि वो रोम, मिलान और सिओल के लिए अपनी उड़ाने अस्थाई तौर से बंद कर रही है.इटली के लिए सेवाएं 15 मार्च से 25 मार्च तक बंद रहेंगी.वहीं चीन, ईरान,साउथ कोरिया, स्पेन, फ्रांस,जर्मनी औऱ इटली से सीधे या 15 फरवरी के बाद इन देशों की यात्रा कर भारत आने वाले यात्रियों को कम से कम 14 दिनों तक अलग-थलग रखा जाएगा.
WHO की घोषणा से पहले ही अलर्ट थी सरकारबुधवार यानी 11 मार्च की शाम को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया. लेकिन केंद्र सरकार WHO की इस घोषणा से पहले ही एलर्ट हो गयी थी.भारत में कोरोना का पहला सामने आते ही सरकार ने कदम उठाने शुरु कर दिए थे. गुरुवार को संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि जब से भारत में पहला मामला आया तब से ही केंद्र सरकार WHO के संपर्क में है.लव अग्रवाल ने कहा कि उसी हिसाब से सारे पैरामीटर अपनाए जा रहे हैं.
गुरुवार को संसद में मंत्रियों का बयान
गुरुवार को संसद में स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने संसद में जानकारी दी कि पूरे देश में 51 लेबोरेटरी और 56 कलेक्शन सेन्टर बनाये हैं.हर्षवर्धन ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए है.जबकि विदेश में फंसे भारतीयों को लेकर विदेश मंत्री ने साफ किया कि उनको भारत लाना प्राथमिकता है, लेकिन उससे पहले उनका टेस्ट होना ज़रूरी है. जिसको लेकर कोशिश जारी है.भारत सरकार अगले तीन दिनों तक ईरान में फंसे भारतीयों को लाने को लेकर जहाज़ भेजेगी.
पीएम के निर्देश पर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को कंट्रोल करने लिए तैयारियों की समीक्षा,निगरानी और मूल्यांकन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर मंत्रसमूह का गठन किया गया है. मंत्री समूह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, विदेश मंत्री, शहरी विकास मंत्री, गृह राज्य मंत्री समेत कई मंत्री शामिल हैं.ये मंत्री समूह कोरोना को लेकर हाई लेवल की बैठकें करता है और तैयारियों को लेकर समीक्षा करता है.इस बैठक के जरिए संबंधित विभागों से जुड़े मंत्रालयों में आपस में तालमेल भी बेहतर करने की कोशिश होती है.
आंकड़े बढ़ रहे हैं लेकिन फिक्र की बात नहीं
विश्व के 114 देशों में फैले कोरोना की चपेट में 1 लाख 18 हजार से ज्यादा लोग आ चुके हैं.भारत में भी इसका आंकड़ा बढ़ रहा है.गुरुवार शाम तक इसके मरीजों की संख्या 73 तक पहुंच गयी.लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने भरोसा दिलाया कि घबराने की जरुरत नहीं है.बशर्ते कुछ सावधानियां बरतने की जरुरत है.
देश ही नहीं देश के बाहर भी केंद्र सरकार अलर्ट
कोरोना से लड़ने के लिए देश के अंदर कई कदम उठाए जा रहे हैं तो देश के बाहर भी केंद्र सरकार की कोशिश है कि जो भी भारतीय फंसे हैं उन्हे सुरक्षित वापस लाया जाए. अब तक भारत सरकार ने मालदीव, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका औऱ पेरु जैसे 48 देशों से 9 सौ से ज्यादा भारतीय नागरिकों को निकाला है. इसके अलावा सरकार अगले तीन दिन तक लगातार 3 विमानों को ईरान भेजेगी जिससे कि वहां फसे भारतीयों को वापस लाया जा सके.