पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फ्लोर टेस्ट कराए जाने की याचिका पर अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कांग्रेस की ओर से दुष्यंत दवे ने कोर्ट में दलील दी गई कि विधायकों की अनुपस्थिति में फ्लोर टेस्ट संभव नहीं है। दवे ने कहा कि बीजेपी ने कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाने की साजिश रची है।
इस दौरान दवे ने कोर्ट से मांग की है कि कोर्ट 16 विधायकों के इस्तीफे को लेकर कोई अंतरिम आदेश पास ना करें। मामला आगे विचार के लिए संविधान पीठ को सौंप दिया जाए। मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार की ओर से जवाब देते हुए दुष्यंत दवे ने राज्यपाल के रुख पर भी सवाल किया।
उन्होंने कहा कि वो पहले से ही ये मानकर चल रहे है कि सरकार बहुमत खो चुकी है। लेकिन बिना किसी को सुने वो कैसे इस नतीजे पर पहुंच सकते हैं। क्या एक गवर्नर से इस तरह काम की अपेक्षा की जाती है। कोर्ट में इस वक्त विवेक तन्खा और कपिल सिब्बल मौजूद है। मुकुल रोहतगी भी कोर्ट पहुंचे हुए हैं।
कोर्ट ने पूछा कितने इस्तीफे स्वीकार किए हैं…
कांग्रेस के वकील दुष्यंत दवे ने राज्यपाल के रुख पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि स्थाई सरकार संविधान का बेसिक फीचर है। इसलिये 5 साल का वक़्त दिया जाता है। गवर्नर को कोई अधिकार नहीं है कि वो रात को CM या स्पीकर को निर्देश दें। इस बीच कोर्ट ने सवाल पूछा कि अभी तक कितने इस्तीफे स्वीकार हुए हैं। इस पर कोर्ट को बताया गया कि अभी तक 6 इस्तीफे स्वीकार किए गए हैं।