नई दिल्ली– एक ओर जहां भारत सरकार और राज्य सरकारें कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के तमाम उपाय कर रहीं हैं और लोगों को एहतियात बरतने के सुझाव दे रहीं हैं, वहीं छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ शिव डहरिया एक डॉक्टर होने के बाद भी लापरवाही बरत रहें हैं. डॉ शिव डहरिया ने 19 मार्च को लंदन से लौटी अपनी बेटी को दिल्ली सरकार द्वारा बनाये गये क्वेरेंटाइन सेंटर में रखने के बजाय छत्तीसगढ़ सदन में ठहराया है.इस बात की जानकारी मिलने पर छत्तीसगढ़ सदन में काम करने वाले कर्मचारी घबराये हुए हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक नगरीय निकाय मंत्री डॉ शिव डहरिया की बेटी लंदन से लॉ की पढ़ाई कर रही है.कोरोना के बढ़ते संक्रमण से चिंतित परिजनों ने उसे लंदन से वापस बुलाया. वह लंदन से लौटकर 19 मार्च को नई दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची,जहां उन्हें रिसीव करने खुद मंत्री शिव डहरिया पहुंचे थे.एयरपोर्ट में स्वास्थ्य जांच संबंधी तमाम औपचारिकता पूरी हुई,जिसमें सब कुछ सामान्य पाया गया. लेकिन भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक विदेश से भारत लौटे किसी भी नागरिक को 14 दिन के लिये क्वेरेंटाइन सेंटर या होम आइसोलेशन में रखा जाना चाहिये और उसके बाद ही यह माना जायेगा कि वह सामान्य है. गाइडलाइन के मुताबिक डॉ शिव डहरिया को यह सावधानी बरतनी थी,लेकिन उन्होंने एयरपोर्ट में हुई जांच को ही पर्याप्त मानते हुए अपनी बेटी को छत्तीसगढ़ सदन में ठहरा दिया.इस बात को लेकर छत्तीसगढ़ सदन में काम करने वाले कर्मचारियों में कानाफूसी शुरु हो गई कि एक जिम्मेदार मंत्री होकर डॉ डहरिया ये लापरवाही कैसे कर रहें हैं. लेकिन मंत्री जी के खौफ से कोई कुछ नहीं कह पा रहा है,मिली जानकारी के मुताबिक आज डॉ शिव डहरिया अपनी बेटी को लेकर विस्तारा के विमान से आज रात रायपुर लौटने वाले हैं.
आश्चर्यजनक बात ये है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण का जो पहला मामला आया है,उसका संबंध भी लंदन से ही है. लंदन से रायपुर लौटने वाली छात्रा में ही कोरोना वायरस के पाजीटिव लक्षण मिले हैं. इस बात की जानकारी होने के बाद भी मंत्री जी ने सावधानी क्यों नहीं बरती,इस बात पर जानकार हैरान हैं.क्या वह एक जिम्मेदार मंत्री होने के नाते रायपुर में आकर अपने और अपनी बेटी को होम आइसोलेशन में रखेंगे ?