रायपुर। भले ही केंद्र सरकार ने होम्योपैथी, आयुर्वेदिक और यूनानी पद्धति के डॉक्टरों को एलोपैथिक इलाज और ऑपरेशन करने की मान्यता दे दी हो। लेकिन IMA यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इस मान्यता को गलत बता रहा है। विरोध में आईएमए 1 फरवरी से लेकर 14 फरवरी तक पूरे देश में आंदोलन चलाने जा रहा है।
आईएमए के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में भी प्रदर्शन होगा। संगठन से जुड़े डॉक्टर आज से रायपुर मेडिकल कॉलेज और जिलों के मुख्यालय में प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान डॉक्टरों के द्वारा क्रमिक भूख हड़ताल भी की जाएगी। आंदोलन में शामिल डॉक्टरों में प्रतिदिन 5 लोग भूख हड़ताल पर रहेंगे।और इस तरह वे केंद्र सरकार के नीतियों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
उनके इस प्रदर्शन को छत्तीसगढ़ प्राइवेट हॉस्पिटल बोर्ड का भी समर्थन मिला है। प्राइवेट हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता बता रहे हैं कि एलोपैथिक पद्धति का डॉक्टर 7 से 8 साल की पढ़ाई करता है, तब उसे ऑपरेशन करने की पात्रता मिलती है। जबकि केंद्र सरकार महज कुछ महीनों की क्रैश कोर्स करवा कर एलोपैथ होम्योपैथी और यूनानी डॉक्टरों को ऑपरेशन की पात्रता दे रही है। ऐसे में लोगों के जान से खिलवाड़ होगा।
केंद्र सरकार को इस आदेश को वापस लेना होगा। अन्यथा डॉक्टरों का आंदोलन और भी तेज हो सकता है। डॉ गुप्ता का यह भी कहना है कि डॉक्टरों के क्रमिक भूख हड़ताल के कारण मरीजों का इलाज भी प्रभावित होगा।