रेमडीसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर रासुका की कार्यवाही के निर्देश
बालाघाट- मध्यप्रदेश शासन के राज्य मंत्री आयुष स्वतंत्र प्रभार एवं जल संसाधन विभाग एवं बालाघाट जिले के कोविड प्रभारी मंत्री श्री रामकिशोर नानो कावरे ने आज 04 मई को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किये जा रहे कार्यों एवं कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार संबंधी व्यवस्था की समीक्षा की। बैठक में कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए कोरोना कर्फ्यू को और प्रभावी बनाने के संबंध में भी चर्चा की गई।
बैठक में कलेक्टर श्री दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी, अपर कलेक्टर श्री फ्रेंक नोबल ए, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गौतम सोलंकी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडेय, सिविल सर्जन डॉ अजय जैन, एसडीएम श्री के सी बोपचे, नगर पुलिस अधीक्षक श्री कर्णिक श्रीवास्तव, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ परेश उपलप, तहसीलदार श्री रामबाबू देवांगन, नगर निरीक्षक श्री एम आर रोमड़े, मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री सतिश मटसेनिया, डॉ पंकज महाजन एवं डॉ तिड़गाम उपस्थित थे।
सीटी स्केन की रिपोर्ट के साथ फिल्म भी प्रदान करें
मंत्री श्री कावरे ने बैठक में कहा कि उन्हें शिकायत मिल रही है कि शुक्ला नर्सिंग होम सीटी स्केन के लिए आने वाले मरीजों से अभद्र व्यवहार किया जाता है। जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि जिले के किसी भी अस्पताल में मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार नहीं होना चाहिए। शुक्ला नर्सिंग होम में सीटी स्केन कराने आये मरीज के साथ किये गये अभद्र व्यवहार की जांच एक टीम बनाकर की जाये। मरीज परेशानी में ही सीटी स्केन के लिए आता है और ऐसे में उसके साथ अभद्र व्यवहार किया जाये तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मंत्री श्री कावरे ने कहा कि उन्हें यह भी शिकायत मिल रही है कि बालाघाट में जितने भी स्थान पर सीटी स्केन किया जा रहा है वहां मरीज को रिपोर्ट के साथ सीटी स्केन की फिल्म नहीं दी जा रही है। यह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। सीटी स्केन कराने वाले मरीज को रिपोर्ट के साथ फिल्म भी मिलनी चाहिए। मंत्री श्री कावरे ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है कि कुछ प्रायवेट चिकित्सक कोरोना संक्रमित मरीजों को टेलीमेडिसिन की सलाह देने के लिए फीस ले रहे है। जिले में कहीं पर भी ऐसी स्थिति नहीं आना चाहिए ।
जिला चिकित्सालय में शीघ्र प्रारंभ की जाये सीटी स्केन
मंत्री श्री कावरे ने कहा कि जिला चिकित्सालय बालाघाट में सीटी स्केन मशीन आ चुकी है। अब इसे शीघ्र प्रारंभ कराया जाये। जिससे मरीजों को प्रायवेट अस्पताल में सीटी स्केन के लिए नहीं जाना पड़ेगा। सीटी स्केन के लिए मरीजों से निर्धारित शुल्क ही लिया जाये। इस दौरान बताया गया कि जिला चिकित्सालय में सीटी स्केन की शीघ्र ही प्रारंभ कर दी जायेगी। इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है। सीटी स्केन का मरीज को निर्धारित शुल्क देना होगा, जो बाजार दर से बहुत होगा।
बालाघाट में चार स्थानों पर कोरोना टेस्ट की सुविधा प्रारंभ
मंत्री श्री कावरे ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि जिले में कोविड टेस्ट की संख्या को बढ़ाया जाये। जिससे संक्रमित मरीजों का शीघ्र पता लगाया जा सकेगा। इस दौरान बताया गया कि जिला चिकित्सालय बालाघाट में होने वाले कोविड टेस्ट की व्यवस्था को बंद कर दिया गया है और 04 मई से बालाघाट शहर में चार स्थानों पर कोविड टेस्ट की सुविधा प्रारंभ कर दी गई है। यह चार स्थान है- जैन अस्पताल के पास आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक-70, सेठिया शाला के पास आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक- 59, आरोग्य केंद्र सरेखा और शासकीय हाई स्कूल भटेरा चौकी है। इन चारों केन्द्रों पर प्रात: 09 बजे से अपरान्ह 04 बजे तक रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) एवं RT-PCR टेस्ट के लिए सेंपल एकत्र किये जायेंगें। इन केन्द्रों पर कोविड टेस्ट नि:शुल्क होगा। इन चार केन्द्रों पर पूर्व में जिला चिकित्सालय में कराये जा रहे टेस्ट से तीन गुना टेस्ट कराये जायेंगें।
रेमडीविसिर की कालाबाजारी पर सख्त कार्यवाही करे
मंत्री श्री कावरे ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि वे जिले में रेमडीसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्यवाही करें। यदि कोई शासकीय कर्मचारी इसमें लिप्त पाये जाये तो उसे सेवा से बर्खास्त कर उसके विरूद्ध एफआईआर दर्ज की जाये और रासुका के अंतर्गत देशद्रोह की कार्यवाही भी की जाये। ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा।
348 उप स्वास्थ्य केन्द्र बनेंगें कोविड सहायता केन्द्र
मंत्री श्री कावरे ने बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि जिले के सभी 348 उप स्वास्थ्य केन्द्रों को कोविड सहायता केन्द्र बनायें और इन केन्द्रों पर 06 प्रकार की दवाओं की किट मुख्यमंत्री जी के संदेश के साथ उपलब्ध रखी जाये। इस केन्द्रों पर बुखार आदि से पीड़ित मरीज के आने पर उसे कोविड पाजेटिव मानकर दवाओं का किट प्रदान करना है। यह केन्द्र प्रात: 08 बजे से रात्री 08 बजे तक खुले रहेंगें। इन केन्द्रों में पदस्थ एएनएम, स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता को अपने मुख्यालय पर रहना होगा। मंत्री श्री कावरे ने कहा कि वे स्वयं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में बनाये गये कोविड सहायता केन्द्रों का निरीक्षण करेंगें और वहां पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी के अनुपस्थित पाये जाने पर उसके विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
आक्सीजन खपत का आडिट करने के निर्देश
बैठक में मंत्री श्री कावरे ने अधिकारियों से कहा कि अस्पताल में मरीज के आने पर उसे किसी भी परिस्थिति में भर्ती करने से मना न किया जाये। मरीज परेशान होने पर ही अस्पताल आता है। ऐसे में उसे भर्ती करने से मना किया जायेगा तो वह कहां जायेगा। अस्पताल मे भर्ती कोविड मरीजों के परिजन वार्ड में न जायें इसका ध्यान रखा जाये। कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे स्टाफ की जिम्मेदारी है कि वह मरीज को समय पर दवायें और भोजन उपलब्ध करायें। कोविड वार्ड में साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाये। कोविड मारीजों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाये। हमारे सरकारी अस्पताल में प्रायवेट अस्पताल जैसी सारी सुविधायें उपलब्ध है। जरूरत है तो वार्ड में सेवा दे रहे स्टाफ को मरीज की अच्छी देखभाल करने एवं मरीज से अच्छा व्यवहार करने की। डाक्टर्स भी राउंड पर जायें तो अपने स्टाफ एवं मरीजों से दवा, नाश्ता एवं भोजन समय पर लेने की जानकारी अवश्य लें। मंत्री श्री कावरे ने अधिकारियों से कहा कि जिले में आक्सीजन की कमी नहीं है। लेकिन जिला चिकित्सालय में आक्सीजन की खपत का आडिट अवश्य किया जाये।
बाईक पर एक एवं चार पहिया वाहन में 03 व्यक्ति को ही चलने की अनुमति
बैठक में बताया गया कि जिले में कोरोना कर्फ्यू लागू होने के बाद भी बड़ी संख्या में लोगों का आवागमन हो रहा है। इस पर तय किया गया कि दवा आदि लेने के लिए बाईक पर केवल एक व्यक्ति को ही जाने की अनुमति दी जायेगी। इसी प्रकार चार पहिया वाहन में ड्रायवर सहित तीन लोगों को ही जाने की अनुमति रहेगी। आम लोगों से भी अपेक्षा की गई है कि वे कोविड टेस्ट के लिए अपने क्षेत्र के निकटतम केन्द्र पर ही जायें। कोरोना कर्फ्यू के दौरान अनावश्क घूमने वालों को जेल में बंद करने की कार्यवाही की जायेगी।
निदान अस्पताल को बंद करने के निर्देश
बैठक में निर्देशित किया गया कि निदान अस्पताल को कोविड मरीजों के उपचार की दी गई अनुमति निरस्त की जाये और अस्पताल को बंद किया जाये। इस अस्पताल में कोविड के नये मरीज भर्ती नहीं किये जायें।