जहाँ बेपरवाह हंसी के ठहाके सुनाई दें
समझ लेना दोस्तों की महफ़िल जमी है
जहाँ रत्ती भर भी मनभेद न दिखाई दे
समझ लेना दोस्तों की महफ़िल जमी है
जहाँ गुज़रे वक़्त की आवाज़ सुनाई दें
समझ लेना दोस्तों की महफ़िल जमी है
जहाँ हर राज़ बेधड़क खुलते दिखाई दें
समझ लेना दोस्तों की महफ़िल जमी है
जहाँ पीने के बाद खूब अंग्रेजी सुनाई दे
समझ लेना दोस्तों की महफ़िल जमी है
जहाँ ख़ुशी में हर कोई झूमता दिखाई दे
समझ लेना दोस्तों की महफ़िल जमी है
जहाँ पुराने प्यार के चर्चे छिड़ते सुनाई दे
समझ लेना दोस्तों की महफ़िल जमी है
आंखे भीगे भी नहीं और नमी दिखाई दे
समझ लेना दोस्तों की महफ़िल जमी है
सालों बाद फिर मिलने के वादे सुनाई दें
समझ लेना दोस्तों की महफ़िल जमी है
– विशाल मिश्रा