राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय उत्कर्ष महोत्सव के कार्यक्रम के अंतिम दिन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा छात्रों के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा करेगी और संस्कृत विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के बड़े बहु-विषयक संस्थान बनने की ओर बढ़ेंगे. इसके अलावा प्रधान ने कहा, “नई एजुकेशन पॉलिसी में परिकल्पना के अनुसार, सरकार ने संस्कृत सहित सभी भारतीय भाषाओं को महत्व दिया है. विभिन्न भारतीय भाषाओं को एकजुट करने में इसका बहुत बड़ा योगदान है और संस्कृत विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के बड़े बहु-विषयक संस्थान बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगे.”
मंत्री ने कहा, “संस्कृत सिर्फ एक भाषा नहीं है, यह एक भावना है. हमारा ज्ञान ही हमारी संपत्ति है. सदियों से हमारी सभ्यता को आगे ले जाने की जिम्मेदारी हम सभी पर है.” धर्मेंद्र प्रधान ने कहा “ह्वेन त्सांग के समय से लेकर आज के रायसीना संवाद तक, संस्कृत की सहजता, आधुनिकता और वैज्ञानिकता को किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है”. उत्कर्ष महोत्सव 7 मई से नई दिल्ली में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम है.
उत्कर्ष महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य देश भर में और बाहर संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंड्र प्रधान ने वेदों की भाषा यानी संस्कृत के पुनरुद्धार, संस्कृत से जुड़ी भारतीयता और भाषा-आधारित शिक्षा प्रणाली पर अपने विचार साझा किए. मंत्री ने आशा व्यक्त की कि उत्कर्ष महोत्सव के दौरान आयोजित विचार-विमर्श भारत को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए 21वीं सदी की शिक्षा प्रणाली का रोडमैप दिखाएगा.