केंद्र सरकार ने बैंक खाते में एक निश्चित सीमा के अधिक पैसे जमा करने या निकालने को लेकर नया नियम लागू किया है जो 26 मई से प्रभावी हो जाएगा. इसके अलावा किसी बैंक या डाकघर में चालू खाता खोलने के लिए भी यह नियम लागू किया गया है. सरकार ने उपरोक्त दोनों कार्यों के लिए आधार या पैन (स्थाई खाता संख्या) को अनिवार्य कर दिया है.
अब 20 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा करने या निकालने पर यह नियम लागू होगा. सीबीडीटी ने 10 मई को अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी है. इसके अलावा किसी बैंक या डाकघर में चालू खाता या कैश क्रेडिट खाता खोलने के लिए भी यह जरूरी होगा. जानकारों का मानना है कि इससे वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ेगी.
क्या है नया नियम?
नियमों के अनुसा, अगर किसी व्यक्ति को पैन की जानकारी देने की जरूरत है लेकिन उसके पास पैन नहीं है तो वह आधार की बायोमीट्रिक पहचान देकर काम निपटा सकता है. नांगिया एंड कंपनी के शैलेश कुमार ने कहा कि लेनदेन के समय पैन नंबर दिए जाने के बाद कर अधिकारियों के लिए लेनदेन पर नजर रखना सरल हो जाएगा.
जानकारों की राय
सीबीडीटी ने नए नियम इनकम टैक्स (15वां संशोधन) रूल्स, 2022 के तहत तैयार किए हैं. एकेएम ग्लोबल के संदीप सहगल ने इस कदम से वित्तीय लेनदेन में अधिक पारदर्शिता आने की उम्मीद जताते हुए कहा कि इसकी वजह से बैंक, डाकघर या सहकारी समितियों को एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन की जानकारी देना अनिवार्य होगा. उन्होंने कहा, “इससे सरकार को वित्तीय प्रणाली में कैश ट्रांजेक्शन पर नजर रखने में मदद मिलेगी. इससे संदिग्ध जमा व निकासी से जुड़ी प्रक्रिया में सख्ती आएगी.” अभी तक आयकर से जुड़े कार्यों के लिए आधार या पैन का इस्तेमाल होता है. बता दें कि आयकर विभाग से जुड़े हर काम में पैन नंबर देना जरूरी होता है. वहीं, अगर बड़ी राशि के लेनदेन के समय अगर किसी शख्स के पास पैन मौजूद नहीं है तो वह आधार कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं.