रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने सरकार को 30,307 करोड़ रुपये का डिविडेंड देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. शुक्रवार को आरबीआई बोर्ड की हुई बैठक में यह मंजूरी दी गई. यह डिविडेंड वित्त वर्ष 2021-22 के लिए है. बोर्ड ने आकस्मिक जोखिम बफर (कंटिंजेंसी रिस्क बफर) 5.5 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया है.
आरबीआई ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में यह तय किया गया है कि सरप्लस फंड को डिविडेंड के तौर पर सरकार को ट्रांसफर किया जाएगा. गवर्नर शक्ति कांत दास की अध्यक्षता में सेंट्रल बोर्ड की 596वीं बैठक हुई.
डिविडेंड की नई व्यवस्था
मई 2021 में रिजर्व बैंक ने जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक के 9 महीनों के लिए सरकार को 99,122 करोड़ रुपये डिविडेंड देने की घोषणा की थी. इसके साथ ही आरबीआई ने डिविडेंड के लिए भी वित्त वर्ष के आधार पर भुगतान की व्यवस्था लागू कर दी थी. उससे पहले तक केंद्रीय बैंक जुलाई-जून की अवधि के आधार पर डिविडेंड की घोषणा करता था.
आर्थिक हालात की भी समीक्षा
आरबीआई सेंट्रल बोर्ड की बैठक में मौजूदा आर्थिक परिदृश्य की भी समीक्षा की गई. इसमें देश के आर्थिक हालात के अलावा वैश्विक चुनौतियों और मौजूदा जियो-पॉलिटिकल घटनाक्रम के संभावित असर का भी आकलन किया गया. इसके अलावा पिछले वित्त वर्ष में आरबीआई के कामकाज की समीक्षा भी की गई. वित्त वर्ष 2021-22 की सालाना रिपोर्ट एवं खातों को भी बैठक में मंजूरी दी गई.