सोने की कीमतों में चार हफ्ते से जारी गिरावट पर लगाम लग गई और शुक्रवार को यह बढ़त के साथ बंद हुआ. ऐसा यूएस डॉलर के मूल्य में गिरावट आने के कारण हुआ. वहीं, कमजोर भारतीय रुपये ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज जैसे घरेलू सूचंकाकों पर बढ़त बनाने में सोने की मदद की.
साथ ही वैश्विक इक्विटी बाजारों में जारी गिरावट ने सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की वैल्यू को और पुख्ता किया. मिंट में छपे एक लेख में ऐसे ही फैक्टर्स के बारे में बात की गई है जिनसे निकट भविष्य में सोने के दाम प्रभावित होंगे. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च एनालिस्ट विपुल श्रीवास्तव ने डॉलर की चाल व यूएस के पहली तिमाही के जीडीपी नतीजे व अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में बदलावों को महत्वपूर्ण बताया है.
डॉलर इंडेक्स
डॉलर की चाल सोन की कीमत के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी. अगर डॉलर की वैल्यू और घटती है तो सोने की कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
यूएस की पहली तिमाही का जीडीपी डेटा
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के रिसर्च उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा है, “यूएस की पहली तिमाही का जीडीपी डेटा 26 मई 2022 को आएगा. अगर नतीजे उम्मीद से खराब आते हैं तो सोने के दाम में तेजी देखने तो मिल सकती है.”
यूएस फेड की बैठक
अमेरिका के केंद्रीय बैंक के अधिकारियों की अगले हफ्ते बैठक होने जा रही है. हालांकि, उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी है कि ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की जाएगी लेकिन बैठक के बाद तस्वीर और साफ हो जाएगी.
रुपया बनाम डॉलर
हाल ही में भारतीय रुपये ने डॉलर के मुकाबले अपना अब तक का न्यूनतम स्तर देखा था. अगर रुपया अपनी स्थिति में सुधार करता है तो सोने की कीमतें भी मजबूत होंगी.