उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की हत्या से तनाव का माहौल है. कन्हैया लाल की हत्या (Kanhaiya Lal Murder) के मामले में एनआईए की चार सदस्यीय टीम जांच करेगी.
राजस्थान के उदयपुर (Udaipur) में टेलर कन्हैया लाल (Kanhaiya Lal Murder) की बेरहमी से हत्या के बाद जहां पूरे राज्य में पुलिस और प्रशासन अलर्ट है. वहीं दूसरी तरफ पूरे राजस्थान (Rajasthan) में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है. हत्या के खिलाफ लोगों में काफी आक्रोश है. घटना के सामने आने के बाद विरोध में स्थानीय बाजारों में दुकानें बंद कर दी गईं. आक्रोशित दुकानदारों ने पहले कन्हैया लाल का शव लेने जाने से भी रोका था. पुलिस लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है.
कन्हैया लाल की हत्या (Kanhaiya Lal Murder) के मामले में एनआईए की चार सदस्यीय टीम जांच करेगी. हत्यारों ने ना सिर्फ बेहरमी से टेलर कन्हैया लाल की हत्या की, बल्कि उसकी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी डाल दिया था.
ग्राहक बनकर आए थे हत्यारे
उदयपुर में कन्हैया लाल टेलर का काम करते थे. सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो के अनुसार दोनों आरोपी धानमंडी थाना क्षेत्र स्थित टेलर की दुकान पर 28 जून को दोपहर के वक्त पहुंचे थे. इनमें से एक ने अपना नाम रियाज बताया है. उसने अपने आप को एक ग्राहक बताया और जब टेलर ने उसका नाप लेना शुरू कर दिया. इसी दौरान उसने टेलर पर हमला कर दिया, वहीं दूसरे आरोपी ने मोबाइल फोन से घटना का वीडियो बनाया. वीडियो के अनुसार, जब टेलर नाप लेकर लिख रहा था उस दौरान रियाज ने अचानक धारदार हथियार से उस पर हमला कर दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
राजसमंद से हुई दोनों हत्यारों की गिरफ्तारी
घटना के बाद दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए और बाद में एक और वीडियो में उन्होंने अपराध करने की बात स्वीकार की. घटना के सामने आने के बाद इसके विरोध में स्थानीय बाजारों में दुकानें बंद कर दी गयीं. फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों रियाज और गौस मोहम्मद को राजसमंद से गिरफ्तार कर लिया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विटर पर जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है और साथ ही वीडियो साझा नहीं करने को कहा है.
बीजेपी ने सीएम गहलोत पर साधा निशाना
उदयपुर (Udaipur) में टेलर कन्हैया लाल (Kanhaiya Lal Murder) की हत्या की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजस्थान बीजेपी (BJP) के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तुष्टीकरण की राजनीति का परिणाम है. उन्होंने कहा कि वीडियो में देखे गए लोगों ने 17 जून को दर्जी कन्हैया लाल को धमकी दी थी. उन्होंने दावा किया पीड़ित ने सुरक्षा की मांग की थी लेकिन पुलिस ने नहीं दी. पूनिया ने कहा कि यह राज्य सरकार की उदासीनता को दिखाता है.