नवा छत्तीसगढ़ की एक और कहानी
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कुछ वर्ष पूर्व एक बार जब शिवतराई पहुँचे तो वहां एक जुझारू शिक्षक मिले जो आदिवासी बच्चों को तीरंदाजी सीखा रहे थे. उन्होंने कहा इनके लिए एक आर्चरी सेंटर और कुछ सुविधाओं की जरूरत है.
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा था कि यहां आर्चरी का सेंटर बनाएंगे,यही युवा छत्तीसगढ़ का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रौशन करेंगे. यह सपना पूरा हुआ है. अब शिवतराई में इनका प्रशिक्षण चलता है। इनके लिए सेंटर और अन्य सुविधाओं के लिए व्यवस्था की गई है और इस तस्वीर में 5 राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं अधिकतर लड़कियां हैं।
छत्तीसगढ़ में किसान आदिवासी समाज के बच्चों में शारिरिक विन्यास और परिवेश के कारण दौड़, चढ़ाई तिरंजदाजी, हॉकी, बालीबाल जैसे खेलों की स्वाभाविक क्षमता होती है। थोड़े से प्रशिक्षण और सहयोग से युवा देश के लिए खेलने को तैयार किये जा सकते हैं।
तीरंदाजी में यहां खेलो इंडिया का एक सेंटर बनाया जा रहा है और यहीं राष्ट्रीय आयोजन भी होगा।
इतना और कहना है कि दूसरी वाली तस्वीर देखिए जहां नन्हे तीरंदाज हैं जो प्रशिक्षण ले रहे हैं बस यही वह काम है जिससे बनता है “मेरा भारत महान”