मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शिल्प कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्टाल भी लगाए। इनमें बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी, उससे पता लगता है कि हमारी आदिवासी कला को जानने के लिए लोग कितने उत्सुक हैं और यह कितनी समृद्ध लोककला है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि हम 22 साल से स्थापना दिवस मना रहे हैं। अब राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव भी मना रहे हैं। इससे हमारी खुशी दोगुनी हो गई है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शिरकत करने पहुंचे झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के प्रति भी विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव के आयोजन के साथ ही हम प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन भी कर रहे हैं। इसमें 20 लाख प्रतिभागियों ने अब तक हिस्सा लिया है। इसमें बच्चे और बुजुर्ग सब शामिल हैं। 70 साल की बुजुर्ग महिलाएं भी फुगड़ी खेल रही हैं। सबको बचपन की यादें ताजा हो गई हैं। इन खेलों से मोबाइल से ध्यान हटा, यह भी बड़ी बात है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने संस्कृति विभाग की पत्रिका ‘‘बिहनिया‘‘ के नए अंक का विमोचन किया।
विवाह संस्कार में पहला स्थान सिक्किम को- विवाह संस्कार एवं अन्य श्रेणी में पहला स्थान सिक्किम के तमांग सेलो नृत्य को, दूसरा स्थान ओडिशा के घुड़सा नृत्य को और तीसरा स्थान झारखंड के डमकच नृत्य को मिला। विशेष ज्यूरी सांत्वना सम्मान असम को और गुजरात को मिला। इसके अलावा विदेश से आये कलाकारों का भी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने सम्मान किया। इस श्रेणी में सांत्वना पुरस्कार गुजरात के सिद्धी धमाल नृत्य को दिया गया।
कृषि विभाग की प्रदर्शनी को पहला स्थान- इस मौके पर विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी भी पुरस्कृत की गई। पहला स्थान कृषि विभाग को, दूसरा स्थान ऊर्जा विभाग को और तीसरा स्थान वन विभाग को मिला। सार्वजनिक उपक्रमों की श्रेणी में पहला पुरस्कार बाल्को, दूसरा पुरस्कार एनएमडीसी तथा तीसरा पुरस्कार एनटीपीसी को मिला।