Home छत्तीसगढ़ Shivpuran In Raipur: शिवभक्ति में डूबा रायपुर, महापुराण कथा सुनने उमड़े श्रद्धालु

Shivpuran In Raipur: शिवभक्ति में डूबा रायपुर, महापुराण कथा सुनने उमड़े श्रद्धालु




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Shivpuran In Raipur दुर्ग से कथा सुनने आई महिला स्वाति राजपूत अपने परिवार के साथ पहुंची थी। उनकी नौ साल की बेटी आशी राजपूत भी आई थी। उन्होंने बताया, बेटी ने पंडित प्रदीप मिश्रा को स्नेहभरा पत्र लिखा है। वे चाहती हैं कि पंडित प्रदीप मिश्रा उस पत्र को पढ़ें

Shivpuran In Raipur भोलेनाथ को आप दिल और मन से रिझाएंगे तो निश्चित ही भगवान भोलेनाथ आप पर कृपा करेंगे। बड़ी से बड़ी विपत्ति, तकलीफ और कष्ट भगवान भोलेनाथ दूर करेंगे। यह बात शिव महापुराण कथा के पहले दिन गुढ़ियारी स्थित दहीहांडी मैदान में अंतरराष्ट्रीय कथाकार सीहोर वाले महाराज पं. प्रदीप मिश्रा ने भक्तों से कही।

उन्होंने आज की कथा में छत्तीसगढ़ में चैंपेश्वर महादेव की उत्पत्ति पर प्रकाश डाला। छत्तीसगढ़ में जन्मे महाप्रभु वल्लभाचार्य की जन्मकथा बताई। उनकी मां इल्लमा गारू और पिता लक्ष्मण भट्ट की कथा की शुरुआत की। कथा की शुरुआत के साथ ही भक्तों द्वारा श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के जयकारे लगाए गए। भोलेनाथ के जयकारे लगाए गए।

पंडाल खचाखच भरा तो जमीन व जेसीबी पर चढ़कर सुना प्रवचन

लाखों की संख्या में कथा सुनने पहुंचे लोगों में ऐसे भी थे, जिनके पास नहीं थे। बावजूद इसके वे नीचे धूल-मिट्टी से भरी खाली जमीन से दूर से ही बैठे प्रवचन का आनंद ले रहे थे। कई लोग ट्रक, ट्राली व जेसीबी मशीन के ऊपर चढ़कर प्रवचन सुनते दिखे।

महिलाओं में भक्ति व उत्साह

संतोषी नगर से प्रवचन सुनने पहुंची रेखा साहू ने बताया कि वे कई सालों से पंडित प्रदीप मिश्रा का प्रवचन टीवी पर सुनती आ रही हैं और यही वजह रही कि उनकी कथा को सुनने के लिए वे अपने स्वजन के साथ कथा स्थल पहुंची थीं। राजनांदगाव से आई सविता सोनी ने बताया कि आज उनकी मां की तेरहवीं है, लेकिन वे सिर्फ भक्ति व आस्था के लिए अपने कार्यक्रम को छोड़कर कथा सुनने आईं।

नौ साल की बेटी ने लिखा पत्र

दुर्ग से कथा सुनने आई महिला स्वाति राजपूत अपने परिवार के साथ पहुंची थी। उनकी नौ साल की बेटी आशी राजपूत भी आई थी। उन्होंने बताया, बेटी ने पंडित प्रदीप मिश्रा को स्नेहभरा पत्र लिखा है। वे चाहती हैं कि पंडित प्रदीप मिश्रा उस पत्र को पढ़ें। अपना अनुभव साझा करते बताया कि उनके स्वजन को दिल में ब्लाकेज था। पं. प्रदीप मिश्रा द्वारा बताए गए उपायों के बाद 50 फीसदी बीमारी ठीक हो गई, इसलिए वे इतनी दूर से उन्हें सुनने आई है।

जब-जब अधर्म और अत्याचार बढ़ा तब-तब संतों ने मार्गदर्शन किया: राज्यपाल उइके

हमारे देश में प्राचीनकाल से जब-जब अधर्म और अत्याचार बढ़ा तब-तब संतों ने किसी न किसी रूप में मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के वेद-पुराणों के वाचन एवं धार्मिक आयोजनों से सद्भाव का वातावरण निर्मित होता है। उन्होंने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि संत-महात्माओं द्वारा बताए गए रास्ते पर चलते हुए हमारे देश की एकता एवं अखंडता को मजबूत बनाए रखें। यह बात राज्यपाल अनुसुईया उइके ने पांच दिवसीय शिवमहापुराण के पावन कथा कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कही। इससे पहले उन्होंने दीप प्रज्वलित कर आयोजन की शुरुआत की। इस अवसर पर महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, गोसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, विधायक सत्यनारायण शर्मा, विकास उपाध्याय, कुलदीप जुनेजा एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।