नवग्रहों में हर ग्रह का अपना महत्व है। गुरु यानी बृहस्पति को अपने तेज, शक्तिशाली और परिणामगामी होने के चलते ही ग्रहों में गुरु का दर्जा दिया गया है।
ज्योतिष कहता है कि गुरु यानी बृहस्पति जब कुंडली में कमजोर स्थिति में होते हैं तो अशिभ फल देना शुरू कर देत हैं। ऐसे में व्यक्ति के संस्कार कमजोर होते हैं। पढ़ाई लिखाई के साथ साथ पैसे को कमाने में बाधा आती है और व्यक्ति को बड़ों का सहयोग पाने में मुश्किलें आती हैं।
कमजोर गुरु के चलते जातक का पाचन तंत्र कमजोर होता है और अन्य कई बीमारियां घेर लेती हैं। अशुभ बृहस्पति के चलते संतान पक्ष की समस्याएं भी परेशान करती हैं और संतान बुरी संगत में फंसती है।
गुरु को मजबूत करने के लिए करें ये काम
- बृहस्पतिवार का व्रत करना चाहिए।
- बृहस्पतिवार को ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: मंत्र का जाप मंत्र का जाप 3, 5 या 16 माला कर सकते हैं।
- नियमित रूप से भोजन में बेसन, चीन और घी से बने लड्डू का सेवन करना चाहिए। ये सब गुरु के कारक हैं।
- गुरुवार को नाखून नहीं काटने चाहिए।
- गुरुवार को बाल नहीं धोने चाहिए।
- गुरुवार को दाढ़ी शेव भी नहीं बनवानी चाहिए।
- गुरुवार को कपड़े धोना या इस्त्री नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से गुरु कमजोर होते हैं।
- घर से कबाड़ नहीं निकालना चाहिए तथा स्वयं झाड़ू पोछा नहीं लगाना चाहिए।
- गुरुवार को लक्ष्मी नारायण की पूजा करें।
- गुरुवार को पीली वस्तुओं का दान करना चाहिए।
- गुरुवार को शिव भगवान को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
- गुरुवार को कन्याओं को पीले वस्त्र दान करना चाहिए।