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खैरागढ़ : अब जागेश अपने पैरों पर चल सकेगा, कलेक्टर ने की पहल, दिव्यांग को मिली नई जिंदगी


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5 वर्ष पूर्व एक सड़क हादसे में बालक जागेश ने अपना एक पैर और पिता सुकलाल वर्मा को खो दिया था

“मैंने सोचा भी नही था कि ऐसा कुछ होगा, कलेक्टर साहब ने मुझे नई जिंदगी दी, अब मै चल फिर सकता हूं।”- 14 वर्षीय जागेश

केसीजी कलेक्टर ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए समाज कल्याण विभाग को त्वरित कार्यवाही करने के दिए निर्देश

खैरागढ़: 11 फरवरी 2023

अपने पैरों पर चल सकेगा,
केसीजी जिला निर्माण के बाद कलेक्टर डॉ जगदीश सोनकर ने लोक कल्याणकरी कार्य को सर्व प्राथमिकता दिया है। चाहे बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों की निःशुल्क हो, चाहे प्रधानमंत्री आवास में गरीबों का गृह निर्माण हो, चाहे दिव्यांगजनों का कल्याण इस तरह का प्रत्येक कार्य, उन्होंने पूरी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से किया है। इस श्रृंखला में एक और कड़ी जुड़ गई है। कृत्रिम पैर लगने के बाद 14 वर्षीय, नन्हा जागेश रुंधे हुए गले से बोला – “मैंने सोचा भी नही था कि ऐसा कुछ होगा। कलेक्टर साहब ने मुझे नई जिंदगी दी, अब मै चल फिर सकता हूं।”

खैरागढ़ के ग्राम सलोनी निवासी जागेश वर्मा पिता स्व सुकलाल वर्मा ने केसीजी कलेक्टर डॉ जगदीश सोनकर से मिलकर अपनी आप बीती बताई और कृत्रिम पैर लगाने हेतु फिजिकल रेफरल आवेदन दिया था। जिस पर कलेक्टर साहब ने मानवता और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए त्वरित कार्यवाही करने का आदेश दिए। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को जागेश के लिए कृत्रिम पैर लगाने हेतु शीघ्र आवश्यक करने के निर्देश दिए थे। डॉ. सोनकर के आदेशानुसार विभागीय अधिकारियों ने तत्परता से कार्य किया। परिणामस्वरूप जागेश को राज्य संसाधन पुनर्वास केंद्र माना, रायपुर से कृत्रिम पैर लग गया और वह सकुशल अपने घर ग्राम सलोनी पहुंचा गया है।

केसीजी के समाजकल्याण विभाग के प्रभारी उपसंचालक गणेश राम ने बताया कि 5 वर्ष पहले एक सड़क हादसे में जागेश ने अपना एक पैर और पिता सुकलाल वर्मा को खो दिया था। जागेश कहता है कि एक तरफ तो पिता को खो देने का दुख तो दूसरी तरफ खुद के पैर कट जाने से जिंदगी में अंधेरा छा गया था। उसने आगे बताया कि किस तरह उस दुर्घटना के बाद परिवार बिखर सा गया था, क्योंकि परिवार पर दोहरा दुख का मार जो पड़ गया था। महज दो माह पूर्व ही जागेश ने केसीजी कलेक्टर डॉ. जगदीश सोनकर से मिलकर, अपने पैर कटने की दुखभरी दास्तां बताई तो कलेक्टर के प्रयासों से उसे बहुत जल्दी कृत्रिम पैर के साथ नई जिंदगी मिल गई। अब जागेश बहुत खुश है क्योंकि अब वह स्कूल जाता है और अपना सब काम खुद कर लेता है।