दिल्ली मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इनकम टैक्स को समय पर, लगातार भुगतान और रिटर्न दाखिल करना सुनिश्चित करता है कि सरकार के पास किसी भी समय जन कल्याण के लिए पैसा है. वहीं अगर टैक्सपेयर्स टैक्स का भुगतान करने या सूचना का खुलासा करने में चूक करता है तो आयकर अधिनियम के तहत कई दंड भी निर्धारित हैं. जुर्माना गैर-अनुपालन के लिए करदाता पर लगाया गया दंड है
इनकम टैक्स रिटर्न
हर साल सरकार की ओर से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए एक तारीख निर्धारित की जाती है. वहीं अगर कोई टैक्सपेयर्स इस निर्धारित तारीख तक टैक्स नहीं दाखिल कर पाता है तो उस पर जुर्माना भी लग सकता है. आयकर अधिनियम की धारा 234एफ के तहत अधिसूचित बदले हुए नियमों के अनुसार समय सीमा के बाद अपना आईटीआर दाखिल करने पर आपको अधिकतम 5,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है
आईटीआर
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अगर आप 31 जुलाई 2023 (व्यक्तिगत आईटीआर) से पहले अपना आईटीआर फाइल करते हैं, तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा. 31 जुलाई 2023 के बाद रिटर्न दाखिल करने पर जुर्माने की सीमा बढ़ाकर 5,000 रुपये की जाएगी. हालांकि, छोटे करदाताओं को राहत के तौर पर आयकर विभाग ने कहा है कि अगर आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है तो देरी के लिए लगाया जाने वाला अधिकतम जुर्माना केवल 1,000 रुपये होगा
इनकम टैक्स
वहीं अगर कोई 31 दिसंबर 2023 तक इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करता है तो लेट फाइलिंग के तौर पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा लेकिन इसके बाद अगर कोई वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करता है तो लेट फाइलिंग के तौर पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. ऐसे में जुर्माना राशि से बचने के लिए समय पर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करें.