इंश्योरेंस पॉलिसी वेरीफिकेशन एवं ज्यादा क्लेम दिलाने के नाम से देशभर में ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के 14 आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार।
आरोपियों द्वारा दिल्ली के नोएडा में ठगी करने हेतु किया जा रहा था कॉल सेंटर का संचालन।
कॉल संेटर में काम करने वाले 25 महिला सहित कुल 41 लोगांे कोे दिया गया नोटिस, की जा रहीं है भूमिका की जांच।
एक सप्ताह से अधिक समय तक लगातार दिल्ली में कैम्प कर गिरोह को पकड़ने में मिली सफलता।
आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 57 नग की-पेड मोबाईल फोन, 01 वायरलेस फोन, 01 लैपटॉप, विभिन्न बीमा कंपनियों से संबंधित 1000 से अधिक पन्नों का दस्तावेज तथा 50 से अधिक फर्जी सिम कार्ड किया गया है जप्त।
14 आरोपियों को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर लाया गया है रायपुर।
आरोपी के विरूद्ध थाना टिकरापारा में अपराध क्रमांक 75/24 धारा 420, 467, 468, 34 भादवि. का अपराध किया गया है पंजीबद्ध।
गिरफ्तार आरोपियों में से 04 आरोपियों के विरूद्ध पूर्व में भी जिला दुर्ग एवं दिल्ली के थानों में अपराध दर्ज कर की गयी है कार्यवाही ।
प्रार्थिया निवासी संजय नगर, रायपुर ने थाना टिकरापारा मंे रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह बिजली विभाग से डिप्टी जनरल मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त हुई है। राम किशन वर्मा तथा पुनीत जोशी नामक व्यक्तियों ने वर्ष 2016 से लगातार प्रार्थिया के मोबाईल फोन मंे अलग – अलग मोबाईल नंबरों से फोन कर ठगी की घटना को अंजाम दिये है। जिसमें प्रार्थिया को उसके पुराना बीमा पॉलिसी के आधार पर नई बीमा पॉलिसी दिलाने एवं सेवानिवृत्त के समय सभी पॉलिसी का पैसा एक साथ प्रार्थिया को मिलने से उसे अच्छा फायदा होने का झांसा दिया गया। तत्पश्चात् राम किशन वर्मा तथा पुनीत जोशी (काल्पनिक नाम) के नाम से दो व्यक्तियों द्वारा प्रार्थिया की पुरानी बीमा पॉलिसी को आधार बनाकर फर्जी कागजात तैयार किया गया तथा प्रार्थिया को मोबाईल फोन के माध्यम से बारम्बार फोन करके अपने झांसे में लेकर दिनांक 12.01.2017 से अलग – अलग तिथियों में व विभिन्न किश्तों में प्रार्थिया से करीबन 70 लाख रूपये प्रार्थिया को पैसे जमा करने हेतु कुल 05 बैंक खाता उपलब्ध कराकर उससे उक्त राशि जमा कराया गया। समय बीतने पश्चात् प्रार्थिया द्वारा बीमा पॉलिसी का भुगतान मांगे जाने पर राम किशन वर्मा तथा पुनीत जोशी ने अपना मोबाईल नंबर बंद कर दिया, तब प्रार्थिया को अहसास हुआ कि वह बीमा पॉलिसी के नाम पर ठगी का शिकार हो गई है। प्रार्थिया द्वारा उक्त घटना की रिपोर्ट पर आरोपियों के विरूद्ध थाना टिकरापारा में अपराध क्रमांक 75/24 धारा 420, 467, 468, 34 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।
घटना को पुलिस अधीक्षक महोदय श्री संतोष सिंह द्वारा गंभीरता से लेते हुये अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्री जय प्रकाश बढ़ई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री पीताम्बर सिंह पटेल, नगर पुलिस अधीक्षक पुरानी बस्ती श्री राजेश चैधरी, उप पुलिस अधीक्षक क्राईम श्री दिनेश सिन्हा, थाना प्रभारी टिकरापारा एवं प्रभारी एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट को अज्ञात आरोपियों की पतासाजी कर जल्द से जल्द गिरफ्तार करने हेतु निर्देशित किया गया। जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना टिकरापारा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा अज्ञात आरोपियों की पतासाजी करना प्रारंभ किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा घटना के संबंध में प्रार्थिया से विस्तृत पूछताछ करते हुए अज्ञात आरोपियों की पतासाजी करना प्रारंभ किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा जिन मोबाईल नंबरों से प्रार्थिया के मोबाईल फोन पर कॉल आया था, उन मोबाईल नंबरों का तकनीकी विश्लेषण किया गया। प्रार्थिया द्वारा जिस-जिस बैंक खातों में रकम जमा किया गया था तथा उन खातों से रकम अंतरित किये गया बेनीफिसियरी खातों के संबंध में खाता एवं लेन-देन विवरण संबंधित बैंक से प्राप्त कर आरोपियों को चिन्हांकित करने का प्रयास किया गया। कई दिनों के गहन तकनीकी विश्लेषण एवं विभिन्न बैंक खातों के विश्लेषण से बीमा पॉलिसी के नाम पर आरोपियों द्वारा इस ऑन लाईन ठगी को दिल्ली से अंजाम देना ज्ञात हुआ। जिस पर एक विशेष टीम तैयार कर टीम को आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु दिल्ली रवाना किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा नोएडा पहुंचकर एक सप्ताह से अधिक समय तक लगातार कैम्प करते हुए स्वयं किरायेदार बनकर एवं नौकरी की तलाश करने के नाम पर आरोपियों व उनके ठिकानों की पतासाजी किया गया। आरोपियों की पड़ताल करने पर यह सुनिश्चित हुआ कि आरोपियों द्वारा बहुत ही सर्तकता से स्वयं की पहचान छिपाते हुये इस तरह की कई ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है। तकनीकी विश्लेषण एवं पतासाजी के क्रम में यह भी ज्ञात हुआ कि आरोपियों द्वारा उपयोग किये गये मोबाईल नंबर फर्जी होने के साथ ही उपयोग में लाये गये बैंक खातों के पते भी दूसरे व्यक्तियों के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। आरोपियों द्वारा उन मोबाईल नंबरों एवं खातों का उपयोग सिर्फ और सिर्फ ठगी की वारदात को कारित करने के लिए किया गया था। टीम ने एक सप्ताह से भी अधिक समय तक दिल्ली में कैम्प कर आरोपियांे के संभावित लोकेशन पर बारिकी से रेकी करने पर आरोपियों द्वारा नोएडा में कॉल सेंटर संचालित करने के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।जानकारी को पुख्ता कर टीम द्वारा बी-41, सेक्टर 63, नोएडा स्थित एम डी वेल्थ क्रेटर कॉल सेंटर में रेड कार्यवाही कर फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर वृहद पैमाने पर ठगी करने वाले 14 आरोपियों को पकड़ा गया। इसके अतिरिक्त कॉल सेंटर में कार्यरत व मौके में उपस्थित 25 महिला समेत कुल 41 व्यक्तियों को नोटिस दिया तथा ठगी के वरदातों में उनकी भूमिका की जाँच की जा रही है। पूछताछ में आरोपियों द्वारा उक्त ठगी के वारदात को अंजाम देना स्वीकार करने के साथ ही स्वयं को इंश्योरेंस वेरीफिकेशन डिपार्टमेंट से होना बताकर देशभर के अलग -अलग स्थानों से करोड़ो रूपये की ठगी कर धोखाधड़ी करना स्वीकार किया है।
कार्यवाही के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 57 नग की-पेड मोबाईल फोन, 01 वायरलेस फोन, 01 लैपटॉप, विभिन्न बीमा कंपनियों से संबंधित 1000 से अधिक पन्नों का दस्तावेज तथा 50 से अधिक फर्जी सिम कार्ड जप्त किया गया है। आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर रायपुर लाकर इस अपराध के अतिरिक्त देश के अन्य जगहों में अंजाम दिये गये ठगी के घटना के संबंध में विस्तृत पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर ज्ञात हुआ है कि आरोपियों द्वारा बीमा पॉलिसी के नाम पर धोखाधड़ी सिंडीकेट एवं गिरोह चलाकर छ.ग. राज्य के रायपुर, दुर्ग, धमतरी के साथ ही साथ असम, हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों में भी इस प्रकार की ठगी की घटना को अंजाम दिये है।
मनजेश कुमार चैहान को वर्ष 2019 में जिला दुर्ग से 65 लाख रूपये के ठगी के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। रवि चैहान एवं ऋषभ चैहान पूर्व में दिल्ली से ठगी के मामलों में गिरफ्तार हो चुके है। आरोपी 06 माह में स्थान परिवर्तन कर अपना कॉल सेंटर को परिवर्तित कर देते है। जांच में वर्तमान में आरोपियों द्वारा असम निवासी ललित शर्मा से 25 लाख रूपये की ठगी होने तथा रोहतक, हरियाणा के प्रार्थी से लगभग 40 लाख रूपये की राशि की ठगी किये जाने की जानकारी प्राप्त होने के साथ ही देशभर के अलग - अलग राज्यों में वृहद तौर पर ठगी की वारदात को अंजाम देना ज्ञात हुआ है। जिसके संबंध में संबंधित राज्यों की पुलिस से समन्वय स्थापित कर जानकारी साझा किया जा रहा है। आरोपियों द्वारा जिला धमतरी के एक व्यक्ति से ठगी करने की जानकारी प्राप्त हुई है, जिस संबंध में धमतरी पुलिस को भी जानकारी उपलब्ध करायी जा रहीं है। आरोपियों के अब तक प्राप्त बैंक खातों का अवलोकन पर इन खातों में करोडों़ रूपयों का ट्रांजेक्शन होना पाया गया है, जिसकी आगे जांच की जा रहीं है तथा गिरफ्तार आरोपियों के बैंक खातों के ट्रांजेक्शन विवरण की जानकारी बाबत एवं उन खातों में उपलब्ध राशि को होल्ड़ कराने के संबंध में संबंधित बैंकों को पत्राचार किया गया है।
*कार्यवाही में निरीक्षक दुर्गेश रावटे थाना प्रभारी टिकरापारा, निरीक्षक गौरव तिवारी प्रभारी रेंज सायबर थाना, निरीक्षक वीरेन्द्र चन्द्रा प्रभारी एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट, एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट से उनि. मुकेश सोरी, सतीश पुरिया, प्र.आर. राधाकांत पाण्डेय, आर. प्रमोद बेहरा, राकेश पाण्डेय, तुकेश निषाद, मुनीर रजा, रवि तिवारी, प्र.आर. महेन्द्र राजपूत, चिंतामणी साहू, म.प्र.आर. बसंती मौर्य, आर. नितेश राजपूत, टेकसिंह मोहले, सुरेश देशमुख, अनुरंजन तिर्की, लालेश नायक, अभिषेक सिंह,म.आर. बबीता देवांगन, थाना टिकरापारा से उनि. धीरेन्द्र बंजारे एवं आर. अनिल भोई की महत्वपूर्ण भूमिंका रहीं।*