कोरिया
जिले के खरवत चौक के पास रेलवे ट्रैक में दिनांक 13 सितम्बर को ट्रेन की चपेट में आने से मवेशियों की मृत्यु होने पर कोरिया पुलिस ने मामला दर्ज किया है। खरवत के पास रेलवे फाटक के निकट अज्ञात पशुपालकों द्वारा मवेशियों को रेलवे ट्रैक के आसपास छोड़ दिया गया था। इस लापरवाही के चलते, 13 मवेशियों की मृत्यु हो गई जब वे ट्रेन की चपेट में आ गए। इसके पश्चात घटना के सम्बन्ध में दिनांक 17 सितंबर 2024 को सरपंच खरवत, श्रीमती आनंदी सोनपाकर, पति संदीप कुमार सोनपाकर द्वारा लिखित आवेदन पत्र थाने में दिया। पुलिस ने इस सूचना के आधार पर अज्ञात पशुपालकों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 11(घ) तथा भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 291 के तहत मामला दर्ज किया है।पुलिस अधीक्षक कोरिया ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की तहकीकात शुरू करवा दी है। अब तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इन मवेशियों के असली मालिक कौन थे। पुलिस ग्रामीणों और संभावित पशुपालकों से पूछताछ कर रही है।उक्त प्रकरण को लेकर एसपी कोरिया ने इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए क्षेत्र के पशुपालकों को अधिक सतर्क रहने और अपने मवेशियों को खुले में न छोड़ें के लिए कहा है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि पशुपालकों की लापरवाही न केवल मवेशियों के लिए हानिकारक है, बल्कि यह बड़े हादसों का कारण भी बन सकती है। पशुपालक होने के नाते यह उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने मवेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और उन्हें ऐसे स्थानों पर न छोड़ें जहां उनकी जान को खतरा हो। इसी तरह पशुपालकों द्वारा मवेशियों को खुला छोड़ने से सड़कों पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, जिससे जनहानि और यातायात में बाधा उत्पन्न होती है। पशुपालक अपने मवेशियों को नियंत्रित रखें ताकि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हो सके और कानून व्यवस्था बनी रहे।पशु क्रूरता अधिनियम के तहत, यदि कोई व्यक्ति अपने पशुओं की देखरेख में लापरवाही बरतता है और इसके परिणामस्वरूप पशुओं की जान चली जाती है, तो उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है। कोरिया पुलिस की जांच अभी जारी है और दोषियों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कोरिया पुलिस की अपील है अपने पशुओ को सड़को या अन्य ऐसे स्थानों पर खुला ना छोड़े जिस स्थान पर दुर्घटना होने की सम्भावना है।