भगवान शिव( Lord Shiva) को प्रसन्न करने के लिए मंदिरों( Temples) में भक्तों की खूब भीड़ उमड़ी हुई है। श्रावण का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय होता है। इसलिए शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इस बार सावन में चार सोमवार आएंगे। तीसरे सोमवार में त्रियोग का संयोग बनेगा। हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग बन रहा है।
इस माह कई लोग भोले नाथ का व्रत( Vrat) भी रखते हैं। इसके लिए सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें। भोलेनाथ के सामने आंख बंद शांति से बैठें और व्रत का संकल्प लें। दिन में दो बार सुबह और शाम को भगवान शंकर व मां पार्वती की अर्चना जरूर करें। भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें। आसपास कोई मंदिर है तो वहां जाकर भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें। भगवान शिव को दूध और जल अर्पित करना बहुत अच्छा माना जाता है। सावन के सोमवार को हो सके तो रुद्राभिषेक कराएं। सावन के महीने में वैसे शिवलिंग पर दूध चढ़ाया जाता है। इसके अलावा शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में सभी तरह की सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है । आप भी राशि के अनुसार( According to the Zodiac sign) शिव को ये वस्तुएं अर्पित कर सकते हैं।
मेष- इस राशि के लोग गन्ने के रस या शहद से भगवान का अभषेक करें। भगवान को इत्र तथा गंगाजल से स्नान कराएं तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
वृष- गंगा जल में गुड़ मिलाकर मीठा शरबत बनाएं तथा उससे अभषेक करें। इस राशि का स्वामी है शुक्र। इत्र तथा सुगंधित पुष्प व अगरबत्ती का प्रयोग करें। दूध से भी अभषेक बेहतर है।
मिथुन- कुशोदक अर्थात कुश और गंगाजल से भगवान का रुद्राभिषेक करें। 108 बेल पत्र पे राम नाम लिखकर अर्पित करें।
कर्क- दूध से भगवान का रुद्राभिषेक करें।1 से 11 चावल लगातार 11 दिन भगवान को समर्पित करें।
सिंह- शहद से भगवान का अभिषेक करें। गन्ने के रस से भी कर सकते हैं।
कन्या- कुशोदक से रुद्राभिषेक करें। महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
तुला- गाय के दूध से भगवान का अभिषेक करें। दही तथा इत्र से भगवान को स्नान कराएं।
वृश्चिक- मीठे जल से भगवान का अभषेक कराएं। शहद, दूध तथा गन्ने के रस को मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें।
धनु- 108 बेल पत्र पर राम नाम लिखकर भगवान को समर्पित करें।दही से अभषेक कराएं। शिव मंदिर में श्री रामचरितमानस का पाठ कराएं।
मकर- कुशोदक से भगवान का अभिषेक कराएं। अपराजिता तथा शमी की पत्तियां शिवलिंग पर अर्पित करें।
कुंभ- दही तथा कुशोदक से रुद्राभिषेक कराएं। शिवमंदिर में श्री रामचरितमानस का पाठ कराएं।
मीन- दूध तथा गंगाजल से भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराएं। शिवमंदिर में भगवान श्री राम की कथा कराएं।