गणेश चतुर्थी इस साल 2 सितंबर यानि की आज है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करके उनकी पूजा प्रारंभ की जाती है। 9 दिनों तक विधिवत पूजा अर्चना के बाद ठीक दसवें दिन विधि विधान से गणेश जी की प्रतिमा विसर्जित की जाती है। किसी भी पूजा या अनुष्ठान का आरंभ इन्हीं की पूजा से होता है। महाराष्ट्र में तो यह पर्व एक महान उत्सव की तरह पूरी श्रद्धा से मनाया जाता है।
शुभ मुहूर्त –
शुभ मुहूर्त में पूजा का विशेष फल मिलता है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार गणेश जी का जन्म भादप्रद माह के शुक्ल पक्ष कि चतुर्थी को हुआ था। इस वर्ष 2 सितंबर गणेश चतुर्थी की पूजा की अवधि 2 घण्टे 32 मिनट तक रहेगी। गणेश पूजा का शुभ मुहर्त सुबह 11 :04 से दोपहर 13 :37 तक रहेगा। गणेश जी का यह जन्मोत्सव गणेश चतुर्थी के रूप में भक्तों को धन, धान्य तथा मनोवांछित फल प्रदान करता है। व्यवसाय में उन्नति, करियर में सफलता, शिक्षा में उन्नति तथा आरोग्यता के लिए यह व्रत अमृत के समान है।
गणेश चतुर्थी पूजा विधि –
– इस दिन गणेश जी की प्रतिमा घर पर लाइए।
– कुमकुम, रोली, पुष्प इत्यादि से रंगोली बना लें।
– लकड़ी का पीढ़ा या उचित आसन देकर उनके बैठाया जाता है।
– शुभ समय में गणेश प्रतिमा वैदिक रीति रिवाजों से मंत्रोचारण के बीच स्थापित की जाती है।
– अब इनको भोग लगेगा। भोग में मोदक गणेश जी को बहुत प्रिय है।
– दूर्वा, मिठाई, पुष्प, अपराजिता तथा वस्त्र रखकर शास्त्रवत पूजन आरम्भ करते हैं।
– अब गणेश जी की स्तुति की जाती है।
– सुबह शाम विधिवत पूजा तथा अंत में आरती की जाती है।
– गणेश जी को पीला तथा लाल रंग बहुत प्रिय है। इसी रंग की धोती पहनाई जाती है।