प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लंदन स्थित लग्जरी कार निर्माता कंपनी रोल्स रॉयल के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए मुकदमा दर्ज किया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने 2007-11 के दौरान भारत की कई सार्वजनिक इकाइयों से कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए एक बिचौलिये को 77 करोड़ रुपये की घूस दी थी। अधिकारियों ने बताया, इस साल जुलाई में सीबीआई की एफआईआर के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत यह मुकदमा दायर किया है।
सीबीआई ने रोल्स रॉयस और उसकी भारतीय इकाइयों, सिंगापुर के अशोक पाटनी की कंपनी आशमोर प्रालि, मुंबई की टर्बोटैक एनर्जी सर्विसेज इंटरनेशनल प्रालि के अलावा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. (एचएएल), ओएनजीसी और गेल के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश और घूस की शिकायत दर्ज की थी।
शिकायत में कहा गया कि 2000 से 2013 तक एचएएल का रोल्स रॉयल के साथ कारोबार 4,700 करोड़ रुपये का रहा। रोल्स रॉयस ने 2007 से 2011 के बीच एचएएल को एवन एवं एलीसन इंजन के पुर्जों के सौ आर्डर की आपूर्ति के लिए ‘वाणिज्यिक सलाहकार’ पाटनी को 18 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
रक्षा मंत्रालय को पाटनी और उसकी कंपनियों के रोल्स रॉयस से जुड़ाव के बारे में एक पत्र मिला था, जिसकी सूचना सीबीआई को दी गई थी। मंत्रालय की शिकायत के आधार पर केंद्रीय एजेंसी ने जांच शुरू की थी। इसके बाद रोल्स रॉयस ने कहा था कि वह किसी भी तरह का गलत व्यापारिक आचरण बर्दाश्त नहीं करेगी।
अब ईडी गलत तरीकों से बनाए धन की लॉन्ड्रिंग कर निजी संपत्ति बनाने के मामले की जांच करेगी। साथ ही ‘इंटीग्रिटी पैक्ट’ के उल्लंघन और घूस लेनदेन की भी जांच होगी।